दुनिया में सांपों की प्रजातियां: नाग देवताओं का पौराणिक इतिहास नाग वंश की कथाएं

जानिए दुनिया में पाई जाने वाली सांपों की प्रजातियां, नाग देवताओं की पौराणिक अवधारणाएं, नाग वंश के प्रमुख वंशजों और रोचक धार्मिक तथ्यों के बारे में एक विस्तृत जानकारी।

सांप प्रकृति के रहस्यमयी जीवों में गिने जाते हैं। विज्ञान और पौराणिक कथाओं में इनका विशेष स्थान है। एक ओर जहां वैज्ञानिक दृष्टि से इनकी हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं, वहीं दूसरी ओर हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में "नाग" दिव्य रूप में पूज्य माने गए हैं। 

इस लेख में हम आपको सांपों की प्रमुख प्रजातियों, नागों की पौराणिक अवधारणा और नाग वंश के वंशजों के बारे में विस्तार से बताएंगे।01. दुनिया में सांपों की प्रजातियां 

वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया में लगभग 3,900 से 4,000 प्रकार की सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से लगभग 600 प्रजातियां विषैली हैं और शेष अबिषैली।

प्रमुख सांप परिवार:

कोलुब्रिडे (Colubridae): दुनिया में सबसे बड़ा सांप परिवार (लगभग 2,000 प्रजातियां)। जैस रैट स्नेक, गार्टर स्नेक।

वाइपरिडे (Viperidae): जहरीले सांपों का परिवार (लगभग 330 प्रजातियाँ)। जैसे—रैटलस्नेक, गैबून वाइपर।

एलापिडे (Elapidae): न्यूरोटॉक्सिक जहर वाले सांप। जैस कोबरा, करैत, किंग कोबरा।

बोइडे (Boidae): विशाल अबिषैली सांप। जैस एनाकोंडा, बोआ।

पायथोनिडे (Pythonidae): अजगर की विभिन्न प्रजातियां। जैसे रॉक पायथन।

02. "नाग" की प्रजातियां: पौराणिक बनाम वैज्ञानिक दृष्टिकोण

पौराणिक कथाओं के दृष्टि से जानें विस्तार से:

सनातन (हिन्दू) बौद्ध और जैन ग्रंथों में "नाग" विशेष स्थान रखते हैं। ये मानव-सर्प मिश्रित देवता माने जाते हैं, जैसे—शेषनाग और बासुकि। उन्हें दिव्य शक्तियों से युक्त बताया गया है।

वैज्ञानिक दृष्टि से:

वैज्ञानिक तौर पर "नाग" शब्द किसी विशेष प्रजाति का नहीं है, लेकिन किंग कोबरा (Ophiophagus hannah) को आमतौर पर "नाग" कहा जाता है। यह विश्व का सबसे लंबा विषैला सांप है, जो अन्य सांपों को भी खा सकता है।

03. नाग देवताओं के वंशज: पौराणिक विवरण

हिंदू पुराणों के अनुसार, नागों की उत्पत्ति ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू से हुई थी। इनके वंशज विभिन्न महाकाव्यों और पुराणों में वर्णित हैं:

04. नागों के अन्य पौराणिक समूह

अष्टनाग: 8 प्रमुख नागों के समूह—अनंत, बासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और गुलीक।

नागलोक: पाताल लोक में स्थित नागों का भव्य साम्राज्य, जिसके स्वामी बासुकी हैं।

05. सांपों और नागों से जुड़े रोचक तथ्य

जैन धर्म में: 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर को नागों ने सुरक्षा प्रदान की थी।

बौद्ध धर्म में: बुद्ध के ध्यान के समय मुचलिंद नाग ने उन्हें बारिश से बचाया था।

दुनिया में सांपों की प्रजातियां, नाग की पौराणिक अवधारणा, और नाग देवताओं के वंशजों से जुड़ी विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:

01. शेषनाग (अनंत):

विशेषता: विष्णु की शय्या के रूप में विराजमान, ब्रह्मांड को धारण करने वाले।

वंश: इन्हें सभी नागों का प्रथम पूर्वज माना जाता है।

02. वासुकी:

विशेषता: समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को लपेटने वाले नाग।

वंश: नागलोक के राजा और तक्षक के भाई।03. तक्षक:

विशेषता: महाभारत में राजा परीक्षित को डसने वाला नाग। इंद्रपुरी का रक्षक।

वंश: कश्मीर क्षेत्र में इसके वंशजों का उल्लेख है।

04. कर्कोटक:

विशेषता: नल-दमयंती कथा में नल को श्राप देने वाला नाग।

05. कालिया:

विशेषता: यमुना नदी में रहने वाला नाग, जिसे कृष्ण ने परास्त किया।

06. मनसा:

विशेषता: नागों की देवी, शिव की पुत्री और वासुकि की बहन। संतान रक्षा के लिए पूजी जाती हैं।

07. पद्मनाभ:

विशेषता: मलयालम संस्कृति में पूज्य नाग राजा।

08. धृतराष्ट्र:

विशेषता: महाभारत में कौरवों के पिता नहीं, बल्कि एक नाग राजा का नाम भी है।

04. नागों के अन्य पौराणिक समूह

अष्टनाग: 8 प्रमुख नाग—अनंत, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख, और गुलिक।

नागलोक: पाताल लोक में स्थित नागों का राज्य, जिसके स्वामी वासुकी हैं।

नाग देवता की पूजा और उनके मंदिर दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यहां भारत और विदेशों में प्रमुख नाग मंदिरों और पवित्र स्थलों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

भारत में प्रमुख नाग मंदिर एवं पवित्र स्थल 

01. मन्नारशाला मंदिर, केरल  

  स्थान: हरिपद, अलप्पुझा जिला, केरल।  

  विशेषता: यह दुनिया का सबसे बड़ा नाग मंदिर माना जाता है। यहां 30,000 से अधिक नागों की पत्थर की मूर्तियां हैं।  

 मान्यता: माना जाता है कि यहां पूजा करने से निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति होती है।  

  उत्सव: मंदिर में हर साल मन्नार शाला अयिल्यम उत्सव मनाया जाता है।

02. नागराज मंदिर, केरल  

 स्थान: नागर कोबील, तमिलनाडु (केरल सीमा के पास)।  

 विशेषता: यह मंदिर पांच-फन वाले नागराज (नाग राजा) को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में नागराज की प्रतिमा दूध से ढकी रहती है।  

 कथा: मान्यता है कि यहां परशुराम ने नागराज की पूजा की थी।

03.भुजंग नाग मंदिर, गुजरात  

 स्थान: भुज, कच्छ।  

 विशेषता: यह मंदिर 500 साल पुराना है और कच्छ के राजा की रक्षा करने वाले नाग देवता को समर्पित है।  

 आकर्षण: मंदिर परिसर में एक विशाल कुंड है, जहां भक्त स्नान करते हैं।

04. शेषनाग मंदिर, जम्मू-कश्मीर  

 स्थान: अनंतनाग जिला।  

 विशेषता: यह मंदिर शेषनाग (विष्णु के शयन स्थल) को समर्पित है। मंदिर के पास एक नीले पानी की झील है, जिसे शेषनाग झील कहा जाता है।

05. कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर, कर्नाटक  

  स्थान: पश्चिमी घाट, मंगलुरु।  

विशेषता: यह मंदिर नागों के राजा वासुकी को समर्पित है। यहां नागों की पूजा के साथ सुब्रमण्यम (कार्तिकेय) की उपासना भी होती है।

विदेशों में नाग देवता से जुड़े स्थल  

01. नाग पोखरी, नेपाल  

  स्थान: काठमांडू।  

 विशेषता: यह एक प्राचीन सरोवर है, जिसे नागों का निवास माना जाता है। यहां नागपंचमी पर विशेष पूजा होती है।

02.नागा टेम्पल्स, थाईलैंड 

 स्थान: वाट फ्रा थैट डोई सुथेप (चियांग माई), बैंकॉक।  

  विशेषता: थाईलैंड में नाग (फया नाक) को पवित्र सर्प माना जाता है। बौद्ध मंदिरों में नागों की मूर्तियां और सीढ़ियों पर नाग की आकृतियां बनी होती हैं।

03. अंगकोर वाट, कंबोडिया  

विशेषता: इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर परिसर में "नाग ब्रिज" और नागों की विशाल मूर्तियां हैं, जो हिंदू-बौद्ध परंपरा को दर्शाती हैं।

04. बाली, इंडोनेशिया  

 स्थान: गोआ गजाह मंदिर, उलुवाटु मंदिर।  

 विशेषता: बाली के मंदिरों में नागों की मूर्तियां और कलाकृतियां हिंदू-बौद्ध संस्कृति का हिस्सा हैं।

05.नागा सदोवा, लाओस  

 स्थान: लुआंग प्रबांग।  

 विशेषता: यहां एक पवित्र गुफा है, जिसे नागों का निवास माना जाता है। स्थानीय लोग इसे "नाग का घर" कहते हैं।

नाग से जुड़े देश भर में फैले प्रशिक्षण केंद्र और संस्थान  

01. इरुला स्नेक कैचर्स कोऑपरेटिव, तमिलनाडु  

 स्थान: चेन्नई।  

 विशेषता: यहां सांपों को पकड़ने और उनके जहर को निष्क्रिय करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह संस्थान सर्पदंश के इलाज में मदद करता है।

02.परंपरागत आयुर्वेदिक केंद्र, केरल  

 विशेषता: केरल के कुछ आयुर्वेदिक अस्पतालों में नाग के विष  और औषधि बनाने की प्राचीन विधियां सिखाई जाती हैं।

03. नेपाल का खुम्बु क्षेत्र  

  विशेषता: यहां के कुछ बौद्ध मठों में नाग पूजा और तांत्रिक अनुष्ठानों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य  

सांस्कृतिक प्रभाव: नाग पूजा हिंदू, बौद्ध, जैन और दक्षिण पूर्व एशियाई संस्कृतियों में गहराई से समाई हुई है।  

पर्यटन: भारत के नाग मंदिरों में नागपंचमी के अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।  

-्सावधानी: कुछ मंदिरों में जहरीले सांपों की उपस्थिति हो सकती है, इसलिए स्थानीय निर्देशों का पालन करें।

 क्या है निष्कर्ष 

सांप और नाग दोनों ही मानव सभ्यता और संस्कृति में गहरे जुड़े हुए हैं। जहां विज्ञान इनके जैविक पहलुओं को बताता है, वहीं पौराणिक कथाएं इन्हें दिव्यता और धर्म के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती हैं। नाग पंचमी जैसे त्योहारों के माध्यम से आज भी नागों की पूजा और सम्मान जीवित है।

डिस्क्लेमर 

नागों पर लिखे लेख में बताए गए जाति/बिसैला/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। हम यहां इस लेख अर्थात फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करते हैं। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न इंटरनेट माध्यमों/श्रोतों/पंचांग/अनुसंधान/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। हम धार्मिक अंधविश्वास के खिलाफ है।




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