नौतपा 2025: 25 मई से शुरू भीषण गर्मी का दौर, जानें वैज्ञानिक कारण और सावधानियां

नौतपा 2025: जानें 25 मई से 02 जून तक पड़ने वाली भीषण गर्मी का कारण और बचाव के तरीके। क्यों होता है रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव? पाएं नौतपा और मॉनसून के संबंध पर संपूर्ण जानकारी और इसका वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व।

<h2>नौतपा 2025 की तारीख और पंचांग</h2> नौतपा 25 मई 2025 दिन रविवार से प्रारंभ हो रहा है। पंचांग के अनुसार बैशाख मास, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को दिन रविवार सुबह 09:40 बजे तक कृतिका नक्षत्र समाप्त हो रहा है इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू होकर 08 जून दिन रविवार को सुबह  07:27 बजे तक रोहिणी नक्षत्र सूर्य में गोचर करेगी। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र प्रारम्भ हो जायेगा। परन्तु नौतपा का विशेष असर हमे 02 जून तक दिखाई देगा।

क्या आप जानते हैं? साल में 9 दिन ऐसे भी आते हैं जब आपको बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। इन दिनों सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं और लोगों को भीषण गर्मी का अहसास कराती हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है और इन 9 दिनों में आपको क्या ध्यान रखना चाहिए? आइए इस लेख में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

क्या है नौतपा जानें विस्तार से?

<h1>नौतपा 2025: जानिए क्यों पड़ती है भीषण गर्मी</h1> नौतपा, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, "नौ दिन तपने वाला समय" है। यह गर्मी के मौसम में आता है और इस दौरान सूर्य एक विशेष नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र में रहता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, उसी दिन से नौतपा शुरू हो जाता है। सूर्य लगभग 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं, लेकिन इन 15 दिनों में से शुरुआती 9 दिन विशेष रूप से सबसे ज्यादा गर्म होते हैं। इन्हीं 9 दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है।

यह एक महत्वपूर्ण मौसमी घटनाक्रम है, जो तब होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और पृथ्वी पर उसकी किरणें "खड़ी" या वर्टिकल पड़ती हैं। इसी वजह से नौतपा आमतौर पर मई-जून के महीने के बीच आता है।

कब से शुरू हो रहा है नौतपा 2025?

<h2>नौतपा कब शुरू होता है?</h2> वर्ष 2025 में, नौतपा 25 मई, दिन रविवार से प्रारंभ हो रहा है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को रात 09:12 बजे से रोहिणी नक्षत्र का आरंभ हो रहा है। सूर्य 8 जून को शाम 07:06 बजे तक रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि, नौतपा का विशेष असर हमें 02 जून तक ही दिखाई देगा। यह वो समय होगा जब गर्मी अपने चरम पर होगी।

नौतपा और बारिश का संबंध: एक पौराणिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

नौतपा के दौरान पड़ने वाली भीषण गर्मी का संबंध आने वाली बारिश से भी माना जाता है।

पौराणिक मान्यताएं: तपती है धरती होती है बारिश 

<h2>नौतपा का पौराणिक महत्व</h2> पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि नौतपा के शुरुआती 9 दिनों तक धरती खूब तपती है, तो उस वर्ष बारिश भी अच्छी होती है। इसका अर्थ है कि जितनी अधिक गर्मी नौतपा में पड़ेगी, मॉनसून उतना ही बेहतर होगा। वहीं, यदि नौतपा के दौरान बारिश होती रहती है, तो उस वर्ष बारिश कम होने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक प्राचीन विश्वास है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है 

<h2>नौतपा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण</h2> वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी नौतपा का अपना महत्व है। नौतपा के दौरान सूर्य देव की भीषण किरणें सीधे धरती पर आती हैं, जिससे वातावरण बेहद गर्म हो जाता है और तापमान में वृद्धि होती है। इस अत्यधिक गर्मी के कारण भारत के मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव (Low Pressure) का क्षेत्र बन जाता है।

यह निम्न दबाव का क्षेत्र समुद्र की लहरों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जो मॉनसून की हवाओं को भारत की ओर खींचने में मदद करता है। यही कारण है कि नौतपा में पड़ने वाली भीषण गर्मी को मॉनसून के आगमन का सूचक माना जाता है। इस प्रक्रिया से कई जगहों पर तेज़ आंधी और कहीं-कहीं मूसलाधार बारिश भी देखने को मिलती है, जिसे प्री-मॉनसून वर्षा भी कहा जाता है। अनुसंधान बताते हैं कि नौतपा में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और इस दौरान समुद्र के पानी का वाष्पीकरण भी तेज़ी से होता है। तेज़ी से वाष्पीकरण की वजह से बादलों का निर्माण होता है, जिससे मॉनसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं।

संक्षेप में, नौतपा के दौरान पृथ्वी जितना अधिक गर्म होगी, बारिश होने की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। नौतपा के दौरान ही मॉनसून की गतिविधियां बढ़ने लगती हैं, और नौतपा समाप्त होते ही पूरे भारतवर्ष में मॉनसून की बारिश प्रारंभ हो जाती है। इसलिए नौतपा के दौरान पृथ्वी का तपना मॉनसून के लिए आवश्यक माना जाता है।

नौतपा के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

<h2>नौतपा से कैसे बचें – सावधानियां और घरेलू उपाय</h2> और <h2>नौतपा में क्या करें और क्या न करें?</h2> नौतपा के दौरान पड़ने वाली भीषण गर्मी से खुद को बचाने और परेशानियों से दूर रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। आपकी थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकती है।

 * वस्त्रों का चुनाव: इस दौरान सूती, हल्के और रंगहीन कपड़े पहनना सबसे उपयुक्त होता है। काले और गहरे रंग के कपड़े भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ये रंग गर्मी को अधिक अवशोषित करते हैं।

 * खान-पान: मिर्च-मसाले वाले भोजन से बचें और सादा भोजन अपनाएं। सत्तू, दाल-चावल, हरी-सब्जी, प्याज, लहसुन, तरबूज, खरबूजा, आम पन्ना, बेल, खीरा-ककड़ी जैसे पानी वाले फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं।

 * तरल पदार्थों का सेवन: सादा पानी, सत्तू जूस और फलों का जूस ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करें। शरीर में पानी की कमी (Dehydration) न होने दें।

 * धूप से बचाव: धूप में निकलते समय आंखों पर चश्मा और सर पर कपड़े की पगड़ी या गमछा होना बेहद जरूरी है।

 * खाली पेट न निकलें: नौतपा के दौरान दोपहर के वक्त घर से निकलते समय पेट खाली नहीं होना चाहिए। खाली पेट निकलने पर लू लगने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

 * दोपहर में बाहर निकलने से बचें: जब तक बहुत आवश्यक न हो, दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें।

 * हाइड्रेशन: नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें, भले ही आपको प्यास न लगी हो। नारियल पानी, छाछ और नींबू पानी भी फायदेमंद होते हैं।

 * बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान: बच्चे और बुजुर्ग गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उन्हें विशेष देखभाल और सावधानी की आवश्यकता होती है।

नौतपा का वैज्ञानिक महत्व

<h2>नौतपा और मानसून के बीच संबंध</h2> जैसा कि हमने चर्चा की, नौतपा वैज्ञानिक नजरिए से भी काफी महत्व रखता है। धरती पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ने की वजह से तापमान बहुत तेज हो जाता है। अनुसंधान में बताया गया है कि तापमान बढ़ने से मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जो समुद्र की लहरों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस वजह से विश्व के कई स्थानों पर तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह मॉनसून के बनने और उसके भारत की ओर बढ़ने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

नौतपा और आपकी सुरक्षा

<h3>नौतपा के दौरान आहार-विहार के सुझाव</h3> नौतपा की शुरुआत होने के साथ ही सूर्य भगवान की सीधी और तेज किरणें पृथ्वी पर पड़नी शुरू हो जाएंगी और भीषण गर्मी लोगों को परेशान करना शुरू कर देगी। कुछ दिन पहले मौसम में बदलाव होने से बारिश भी देखने को मिली थी, जिससे लोगों ने मई के महीने में ठंड का भी अनुभव किया था। हालांकि, नौतपा प्रारंभ होने पर लोग भीषण गर्मी का एहसास करने लगेंगे। याद रखें, नौतपा 25 मई से शुरू होकर 02 जून तक रहेगा।

डिस्कलेमर:

नौतपा पर यह ब्लॉग पंचांग, विद्वानों और ऑनलाइन स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है। मौसम के इस संभावित बदलाव के लिए सचेत रहें और अपनी व परिवार की सुरक्षा के उपाय अपनाएं। कृपया ध्यान दें कि यह सामान्य जानकारी है; स्वास्थ्य संबंधी मामलों के लिए हमेशा पेशेवर चिकित्सक से सलाह लें। जानकारी की पूर्ण सत्यता हमारी जिम्मेदारी नहीं।"




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