धनतेरस के संबंध में शास्त्रों और पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि समुद्र मंथन के दौरान और धनतेरस के दिन ही देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर, धन की देवी महालक्ष्मी और देवताओं के वैद्य धन्वंतरि महाराज प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन तीनों देवताओं की पूजा करनी चाहिए
वर्ष 2022, दिन शनिवार को कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी तिथि जो शाम के 06:02 बजे से शुरू होगी। उदया तिथि में त्रयोदशी तिथि पड़ने के कारण इसी दिन धनतेरस पर्व मनाया जाएगा
धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ माना गया है
कौन से राशि वालें किस वस्तु का करें खरीदारी धनतेरस के दिन जानें विस्तार से
यम का दीया निकालें धनतेरस की रात
धनतेरस के दिन जानें खरीददारी का शुभ और अशुभ मुहूर्त
दीपावली श्रीराम के श्रीलंका पर विजय के उपरांत अयोध्या नगरी लौटने पर स्थानीय लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
दीपावली से पूर्व और बाद में पांच ऐसे पर्व है जिसे दीपावली महोत्सव पर्व कहा जाता है।
दीपावली के पहले धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, यमराज और धन्वंतरि की पूजा की जाती है। लोग खरीदारी भी करते हैं। मान्यत है कि धनतेरस के दिन की जानें वाली खरीदारी काफी फल दाई और घर में सुख समृद्धि लेकर आता हैं।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाए जाने वाले इस पर्व में हिन्दू परंपराओं का खास महत्व है। इस दिन अमीर-गरीब सभी कुछ न कुछ खरीददारी करते हैं।
पौराणिक और धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीददारी करने से माता लक्ष्मी की कृपा आप और आपके परिवार पर पूरे साल बनी रहती है। धनतेरस के दिन से ही दिवाली की भी शुरुआत हो जाती है।
धनतेरस की शाम तिल के तेल या घी से आटे या पीतल के बने दीपक में कपड़े की बत्ती लगाकर जलाने से भगवान कुबेर खुश होते हैं।
शाम की होने वाली पूजा में सबसे पहले गणेशजी की पूजा करें। इसके बाद लक्ष्मीजी और कुबेर की पूजा करने के उपरांत भगवान धनवंतरि और यमराज की पूजा करें। पूजा के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके यमराज को जल दें।
कौन थे बैद्य धन्वंतरि महाराज
समुद्र मंथन के दौरान बैद्य धन्वंतरि महाराज अमृत से भरे कलश को लेकर प्रगट हुए थे। समुद्र मंथन में ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इस कारण दोनों भाई और बहन हुए और समुद्र दोनों की जननी हुई। भाई बहन में अथाह प्रेम होने के कारण मां लक्ष्मी के साथ धन्वंतरि का भी पूजन होता है।
ये देवताओं के चिकित्सक हैं। इसलिए इन्हें चिकित्सा का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से शरीर के रोग नष्ट हो जाते हैं।
मान्यता है कि धनतेरस पर विधि-विधान से पूजा करने पर आरोग्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पूरे साल घर में मां लक्ष्मी की कृपा से बरकत बनी रहेगी।
क्यों करें धनतेरस के दिन खरीददारी
धनतेरस के मौके पर खरीददारी करना काफी लाभप्रद होता है और घर में सुख समृद्धि और धन धन्य से भरा रहता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीददारी करनी चाहिए।
धनतेरस के दिन खरीददारी करने पर सालों भर धन की बारिश घरों में होती रहती है और वैभव लक्ष्मी की कृपा सदा परिवार वालों पर बनी रहती है। इसलिए धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में ही खरीदारी करना समझदारी होगी।
22 अक्टूबर दिन शनिवार, कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष के हेमंत ऋतु, त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाएगा। इस बार द्वादशी तिथि शाम को है।
वैसे मान्यता है कि दीपावली के 2 दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस बार त्रयोदशी तिथि का उदया काल शनिवार को पड़ रहा है। धनतेरस की खरीदारी त्रयोदशी में ही करने का विधान है।
धनतेरस के दिन पंचांग के अनुसार
धनतेरस के दिन पूर्वाफाल्गुनी दिन के 01:50 बजे तक, इसके बाद उत्तराफल्गुनी नक्षत्र हो जायेगा। योग ब्रह्मा जो शाम 05:13 बजे तक रहेगा। इसके बाद इन्द्र हो जायेगा। सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा सिंह राशि में रात 08:30 बजे तक, इसके बाद कन्या राशि हो जाएगा। इस दिन धन्तवंरी जयंती, यमराज दीपदान और हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी।
खरीददारी करने की जानें शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह से हैं शुरू होकर देर रात तक चलता रहेगा। सुबह 07:51 बजे से लेकर 09:16 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। उसी प्रकार दोपहर 12:05 बजे से लेकर 01:30 बजे तक चर मुहूर्त, 01:30 बजे से लेकर 02:55 बजे तक लाभ मुहूर्त और अंत में 02:55 बजे से लेकर 04:20 बजे तक अमृत मुहूर्त का शुभारंभ रहेगा। इस दौरान खरीदारी करना काफी फलदाई और सुखदाई रहेगा। यह मुहूर्त चौघड़िया पंचांग से लिया गया है।
अब काशी पंचांग के अनुसार शुभ अभिजीत मुहूर्त 11:43 बजे से लेकर 12:23 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 01:58 बजे से लेकर 02:44 बजे तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 05:33 बजे से लेकर 5:57 बजे तक है। इस दौरान भी लोग धनतेरस की खरीदारी कर सकते हैं।
उसी प्रकार शाम को 05:45 बजे से लेकर 07:20 बजे तक लाभ मुहूर्त और 08:55 से लेकर 10: 30 बजे शुभ मुहूर्त रहेगा। उसी प्रकार रात 10:30 बजे से लेकर 12:06 बजे तक अमृत मुहूर्त और 12:06 बजे से लेकर 01:41 बजे तक चर मुहूर्त रहेगा। इस दौरान भी आप खरीददारी कर सकते हैं।
इस समय भूलकर भी ना करें खरीदारी
धनतेरस के दिन कुछ मुहूर्त ऐसे हैं कि उस समय खरीदारी करने पर लाभ की जगह हानि होने की संभावना प्रबल है। अगर आप मुहूर्त के हिसाब से खरीददारी करना चाहते हैं तो इन अशुभ मुहूर्तों के बारे में जानना आपको बेहद जरूरी है।
धनतेरस के दिन सुबह 09:16 बजे से लेकर 10:41 बजे तक रोग मुहूर्त, 10:41 बजे से लेकर 12:05 बजे तक उद्वेग मुहूर्त, शाम 04:20 बजे से लेकर 05:45 बजे तक काल मुहूर्त और रात 07:20 बजे से लेकर 08:55 बजे तक एक बार फिर से उद्वेग मुहूर्त रहेगा।
उसी प्रकार राहुकाल, उद्वेग मुहूर्त के साथ ही चलेगा अर्थात सुबह 09:16 बजे से लेकर 10:41 बजे तक राहुकाल, सुबह 06:00 बज के 26 मिनट से लेकर 07:51 बजे तक गुलिक काल, दोपहर 01:30 बजे से लेकर 02:55 बजे तक यमगण्ड काल और रात्रि 09:16 बजे से लेकर रात 10:55 बजे तक वज्र्य काल रहेगा। इस दौरान खरीदारी करने से बचना ही समझदारी और अच्छा रहेगा।
जानें किस राशि के लोग, किस चीज की करें खरीददारी
मेष राशि के जातक धनतेरस के दिन सोना और चांदी के बने वस्तु एवं गहनें की खरीदारी करना काफी शुभ रहेगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदारी भी करें। ऐसा करने से इस राशि के जातकों को धन का लाभ मिलेगा और सुख समृद्धि के योग बनेगा।
वृष राशि के जातक चांदी के लक्ष्मी गणेश की खरीदारी करें साथ में चांदी के सिक्के खरीदना और साफ सफाई के लिए झाड़ू की खरीदारी करना भी काफी शुभ रहेगा। साथ ही उन्हें विशेष लाभ भी मिलेगा। पौराणिक मान्यता है कि चांदी खरीदने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं।
मिथुन राशि के जातक सोने के बने वस्तु की खरीदारी जरूर करें। सोने के गहनों की खरीदारी करें, तो उन्हें लाभ अधिक होगा। इसके अलावा हरे या पीले रंगों की कोई घरेलू वस्तु भी खरीद सकते हैं।
कर्क राशि के जातक स्टील के बर्तनों की खरीदारी जरूर करें। साथ ही चांदी के सिक्के और श्री यंत्र की भी खरीदारी करना आपके लिए शुभ रहेगा। घर में सुख समृद्धि का आगमन होगा और धन्वंतरि जी की कृपा आप और आपके परिवार पर बनी रहेगी। सफाई के लिए झाड़ू खरीदें।
सिंह राशि के जातक सोने चांदी के सिक्के की खरीदारी जरूर करें। गणेश लक्ष्मी की खरीदारी करना शुभ रहेगा। इलेक्ट्रॉनिक सामान भी खरीदे। धार्मिक ग्रंथों और पुस्तकों की खरीदारी करना आपके के लिए मंगलकारी होगा।
कन्या राशि के जातक को धनतेरस के दिन चांदी के सिक्कों के अलावा वाहन खरीदना काफी फलदाई रहेगा। साथ ही सजावट के सामान का भी खरीदारी करना शुभ होगा। कन्या राशि के जातक धनतेरस के दिन अगर हाथी दांत से बनी चीज़े खरीदते हैं तो उनके घरों में कभी भी अन्न, वस्त्र और धन कभी कमी नहीं होगी
तुला राशि के जातक चांदी के बर्तन एवं सिक्के की खरीदारी जरूरत करें। इसके अलावा चांदी के सिक्के सजावट के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी करना शुभ रहेगा। सौंदर्य से संबंधित कुछ चीजें खरीद सकते हैं।
वृश्चिक राशि के जातक पूजा के सामान की खरीदारी जरूर करें। आभूषण खरीददारी करना आपके लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा पीतल की कोई भी सामानों की खरीदारी कर सकते हैं। वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए पीतल एक शुभ धातु मानी जाती है। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होगी।
धनु राशि के जातक चांदी के बर्तन, चांदी के सिक्के और सजावट के सामान की खरीदारी करना शुभ रहेगा। इस राशि के जातकों के लिए धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन और वाहन खरीदना शुभ रहेगा। इस राशि वालों के लिए चांदी की खरीदारी काफी शुभ मानी जाती है। इसलिए आप धनतेरस पर चांदी की कोई न कोई वस्तु की खरीदारी जरूर करें। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होगी।
मकर राशि के जातक सजावट के सामान, चांदी और स्टील के बर्तन के अलावा जमीन, फ्लैट की खरीदारी कर सकते हैं। मकर राशि के लोग धनतेरस के धार्मिक अवसर पर वाहन और उसके सजावट की चीजों की खरीदारी करना आपके परिवार के लिए शुभ रहेगा।
कुंभ राशि के जातक के स्वामी शनि देव है। इसलिए इस दिन लोहे की वस्तु चांदी के सिक्के और स्टील के सामानों की खरीदारी करना आपके लिए काफी शुभ रहेगा। इससे आप और आपके परिवार पर कुबेर देव की असीम कृपा सालोंभर बनी रहेगी।
मीन राशि वालों का ग्रह स्वामी गुरु वृहस्पति को माना जाता है। जातक सोने चांदी के आभूषण और सिक्के के अलावा सजावट के सामान, पूजा की सामग्री और सफाई के लिए झाड़ू की खरीदारी करना आपके लिए काफी शुभ रहेगा। इस दिन चांदी खरीदने से आप पर धन के देवता कुबेर और महालक्ष्मी की असीम कृपा सालोंभर बनी रहेगी।
अगर आप अपनी राशि को ध्यान में रखते हुए धनतेरस के दिन उक्त राशि में दी गई वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, तो आपके घर में सदैव माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
डिसक्लेमर
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