जिसका नाम ही भोलेनाथ है, जो जल्द प्रसन्न होने वाले हैं साथ ही अपने भक्तों को मुंह मांगा वरदान देने वाले हैं। ऐसे भोलेनाथ की पूजा बहुत ही आसान तरीका से करने की विधि शिव पुराण में बताया गया है।
भोलेनाथ को कौन से फूलों से पूजा करनी चाहिए। किस तरह के अन्न से पूजा करना चाहिए। किस भाव से पूजा करनी चाहिए। कौन सा मंत्र की जाप करना चाहिए। यह सभी चीज की जानकारी नीचे लेख में दी गई है।
भगवान शिव जी की किन-किन फूलों से पूजा करनी चाहिए। विभिन्न तरह के फूलों से पूजा करने पर क्या क्या फल प्राप्त होते हैं यही प्रश्न एक बार नारद जी ने ब्रह्मा जी से पूछा था।
धन की प्राप्ति के लिए कमल फूल से करें पूजा
ब्रह्मा जी ने कहा था लक्ष्मी अर्थात धन की कामना करने वाले मनुष्य को कमल के फूल, बेलपत्र, शतपत्र और शंख पुष्प से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। इन फूलों के एक लाख पुष्प द्वारा भगवान शिव को पूजा करने पर सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है और लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है।
महादेव के स्वरूप का होगा दर्शन
एक लाख फूलों से शिवजी की पूजा करने से मनुष्य को संपूर्ण अभीष्ट फलों की प्राप्ति होती है। जिसके मन में कोई कामना हो वैसे उपासक इस तरह से पूजन करने से शिव स्वरूप हो जाता है। महामृत्युंजय मंत्र के पांच लाख जप पूरे होने पर महादेव के स्वरूप के दर्शन हो जाते हैं।
पिछले जन्म की बातों की याद, करें मंत्र की जाप
उसी प्रकार महामृत्युंजय मंत्र के एक लाख जाप से शरीर की शुद्धि होती है। दूसरे लाख के जाप करने से पिछले जन्म की बातें याद आ जाती है। तीन लाख मंत्रों के जाप करने पर इच्छा की गई सभी वस्तुओं की प्राप्ति हो जाती है। चौथे लाख की जाप पूर्ण होने पर भगवान शिव सपनों में दर्शन देते हैं।
मृत्युंजय जाप से मिलती है सिद्धि
पांच लाख मंत्रों के जाप पूरा होने पर साक्षात भोलेनाथ दर्शन देते हैं। महामृत्युंजय मंत्रों के दस लाख जाप करने से संपूर्ण फलों की प्राप्ति हो जाते हैं और सिद्धि मिल जाती है।
दूर्वा से पूजन करें मिलेगी मोक्ष
मोक्ष की कामना करने वाले मनुष्य को एक लाख दूर्वा से शिवपूजन करना चाहिए। आयु वृद्धि के कामना रखने वाले मनुष्य को एक लाख दूर्वा से पूजन करना चाहिए। पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाले मनुष्य को एक लाख धतूरे के फूल से पूजा करनी चाहिए। लाल रंग वाले डंठल वाले धतूरे को शुभदायक माना जाता है।
शत्रु के चाहते हैं मृत्यु, करें जावा कुसुम फूलों से पूजा
यश प्राप्ति के लिए एक लाख अगस्त के फूलों से भोले शिव को पूजा करनी चाहिए। तुलसी दल द्वारा शिवजी की पूजा करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अड़हुल फूल (जावा कुसुम) के एक लाख फूलों से पूजा करने पर शत्रुओं की मृत्यु होती है। एक लाख करवीर के फूलों से शिव पूजा करने पर समस्त रोगों का नाश हो जाता है।
अच्छा जीवन साथी चाहिए तो, बेल के फूलों से करें पूजा
दुपहरिया के फूलों से पूजन करने पर आभूषण तथा चमेली के फूलों के पूजन करने पर वाहन की प्राप्ति होती है। अलसी के फूलों से शिव पूजन करने से विष्णु जी भी प्रसन्न होते हैं। बेल के फूलों से अर्ध्य देने पर अच्छे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
जूही फूलों से करें पूजा, मिलती है धन संपदा
जूही के फूलों से पूजा करने पर घर में धन संपदा का वास होता है तथा अन्न से भंडार भर जाते हैं। कनेर के फूलों से पूजा करने पर वस्त्रों की प्राप्ति होती है। सेदुआरि और शेफालिका के फूलों से पूजा करने पर मन निर्मल हो जाता है।
राई के फूल से करें पूजा, शत्रु को मिलेगा मृत्यु
हरसिंगार के फूलों से पूजा करने पर सुख संपत्ति में वृद्धि होती है। राई के एक लाख फूलों से पूजन करने पर शत्रु मृत्यु को प्राप्त करते हैं। चंपा, केतकी और केवड़े के फूलों से शिव पूजा नहीं करनी चाहिए। यह तीनों फूल महादेव के पूजन के लिए आयोग होते हैं।
शिव पूजा अखंडित चावल से करें
इसके अलावा सभी तरह के फूलों को शिव पूजा में उपयोग किया जाता है। महादेव जी को साबुत (बिना टूटे) चावल चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। पूजा के चावल अखंडित होना चाहिए और उन्हें विधि पूर्वक अर्पित करें। मंत्रों से पूजा करते हुए शिवलिंग पर वस्त्र अर्पित करें और श्रीफल (नारियल) चढ़ाकर धूप, दीप से पूजन करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। उसी परिसर में 12 ब्राह्मणों को भोजन कराएं इससे सांगोपांग पूजा संपन्न होता है।
गेहूं से करें पूजा, होगी संतान की प्राप्ति
एक लाख तिल से शिवजी का पूजन करने पर समस्त दुखों का नाश होता है। जौ के दाने चढ़ाने पर स्वर्ग के समान सुख की प्राप्ति होती है। गेहूं से बने भोजन से एक लाख बार शिव पूजन करने से संतान की प्राप्ति होती है। मूंग से पूजन करने पर उपासक को धर्म, अर्थ और काम-भोग की प्राप्ति होती है तथा वह पूजा समस्त सुखों को देने वाली है।
जलधारा से पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति
उपासक को निष्काम होकर मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भक्ति भाव से विधिपूरक शिव की पूजा करके जलधारा शिवलिंग पर चढ़ाएं। धारा पूजन से संतान की प्राप्ति होती है। सुख और संतान की प्राप्ति के लिए जलधारा को पूजन उत्तम होता है।
उपासक को भस्म धारण कर, प्रेम पूर्वक शुभ और दिव्य द्रव्यों द्वारा शिव पूजन कर उनके सहस्त्रनामों का जाप करते हुए शिव लिंग पर घी की धारा चढ़नी चाहिए। इससे वंश का विस्तार होता है। दस हजार मंत्रों द्वारा की गयी पूजा रोगों को समाप्त करता है तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। नपुंसक पुरुष को शिवजी का पूजन घी से करना चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और पूजा पाठ का व्रत रखना चाहिए।
बुद्धिहीन व्यक्ति चढ़ाएं दूध और शक्कर होगा फायदा
बुद्धिहीन मनुष्य को दूध में शक्कर मिलाकर इस की धारा शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए। इससे भगवान प्रसन्न होकर उत्तम बुद्धि प्रदान करते हैं। यदि मनुष्य का मन उदास रहता है, जी उचट जाए, कहीं भी प्रेम ना मिल रहा हो, दुख बढ़ जाए तथा घर में सदैव लड़ाई होती हो तो मनुष्य को शक्कर मिश्रित दूध 10,000 मंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग को अर्पित करना चाहिए।
शहद चढ़ाएं टीवी बीमारी से मिलेगा मुुुक्ति
खुशबू वाला तेल चढ़ाने पर भोगों की वृद्धि होती है। यदि शिवजी पर शहद चढ़ाया जाए तो टीवी जैसा भयंकर बीमारी मुक्ति मिल जाता है। भोलेशंकर को गन्ने का रस चढ़ाने से अनहद आनंद की प्राप्ति होती है। गंगाजल चढ़ाने से भोग-विलास और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उपरोक्त वस्तुओं को अर्पित करते समय महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने चाहिए और ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। इस प्रकार शिवजी की विधि सहित पूजन करने से पुत्र आदि सहित सब सुखों को भोग कर, जातकों को अंत में शिवलोक की प्राप्ति होती है।