Diwali 2028: अद्भुत रहस्य, सटीक पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और अचूक टोटके | Deepawali Puja Vidhi

"17 अक्टूबर 2028, दिन मंगलवार को दीपावली का पर्व है। जानिए इस दिवाली की अद्वितीय पौराणिक कथा, स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि, सही शुभ मुहूर्त, क्या करें-क्या न करें, विदेश में दीपावली और कुछ ऐसे अचूक टोटके जो आपने आज तक नहीं सुने होंगे। जानकारी हिंदी में"।

Diwali 2028 Ganesh and Lakshmi Image

"दीपावली 2028: प्रकाश, समृद्धि और अद्भुत रहस्यों का महापर्व"

"परिचय"

दीपावली, जिसे दीपों का त्योहार कहा जाता है, सिर्फ रोशनी और पटाखों का ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति, पारिवारिक सद्भाव और नई शुरुआत का प्रतीक है। 17 अक्टूबर 2028, मंगलवार को मनाए जाने वाले इस महापर्व के पीछे छिपे हैं कई रहस्य और ऐसी अद्भुत बातें जिनसे आज भी बहुत से लोग अनजान हैं। 

यह ब्लॉग आपको दीपावली के उन्हीं गहरे और अकल्पनीय पहलुओं से रूबरू कराएगा, साथ ही सटीक पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और जीवन बदल देने वाले टोटकों की जानकारी देगा। पढ़िए और इस दीपावली को बनाइए अपने जीवन की सबसे यादगार और सफल दीपावली।

"दीपावली की अद्भुत एवं विस्तृत पौराणिक कथा"

अधिकांश लोग दीपावली को भगवान राम के अयोध्या वापसी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इसके पीछे और भी कई गहरी और चौंकाने वाली कथाएं हैं।

*01. "भगवान राम की वापसी":

यह सबसे प्रसिद्ध कथा है। जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद रावण का वध करके अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीप जलाए। उस दिन अमावस्या की काली रात भी करोड़ों दीपों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से यह दिन दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा। पर क्या आप जानते हैं कि राम के लौटने की खुशी में ही माता सीता ने एक विशेष प्रकार की स्वर्ण आभूषणों की वर्षा की थी, जिसे "आभूषण वृष्टि" कहा गया? यह समृद्धि का प्रतीक बना।

*02. "समुद्र मंथन और लक्ष्मी जी का प्राकट्य":

एक और गहन कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है। जब देवों और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तो अमृत कलश से पहले विष निकला, फिर कामधेनु गाय, ऐरावत हाथी और अंत में धन्वंतरी वैद्य अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। उनके बाद माता लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुईं। चूंकि यह घटना कार्तिक अमावस्या को ही घटी, इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। धन्वंतरी के प्रकट होने के कारण इस दिन आयुर्वेदिक दवाओं का क्रय-विक्रय और सेवन भी शुभ माना जाता है।

*03. "महाराजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक":

क्याआप जानते हैं कि दीपावली के दिन ही महान सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था? इसी कारण यह दिन शक्ति, न्याय और समृद्धि के नए युग का प्रतीक भी माना जाता है।

*04. "पांडवों की वापसी":

महाभारत केअनुसार, जब पांडव 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद लौटे, तो उस दिन कार्तिक अमावस्या थी। उनके स्वागत में लोगों ने दीप जलाए, इसलिए यह त्योहार न्याय और धर्म की वापसी का भी प्रतीक है।

"जैन और सिख परंपरा":

*01."जैन धर्म": इसी दिन भगवान महावीर ने निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया था।

*02."सिख धर्म": इसी दिन छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब जी को ग्वालियर के किले से कैद से मुक्त किया गया था। साथ ही, 1577 में दीपावली के दिन ही स्वर्ण मंदिर के शिलान्यास की नींव रखी गई थी।

"दीपावली के दिन क्या करें और क्या न करें" (अचूक नियम)

"क्या करें" ("What to Do on Diwali"):

*01. सुबह जल्दी उठें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

*02. व्रत रखें: दीपावली का व्रत समृद्धि और आरोग्य प्रदान करता है। (इसके महत्व के बारे में आगे विस्तार से बताया गया है)।

*03. घर की सफाई: पूजा से पहले घर की अच्छे से सफाई करें, विशेष रूप से पूजा स्थल की।

*04. दीपक जलाएं: घर के मुख्य द्वार, मंदिर, तुलसी के पौधे और किचन में दीपक जरूर जलाएं।

*05. लक्ष्मी-गणेश की पूजा: विधि-विधान से श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें।

*06. नए वस्त्र धारण करें: नए कपड़े पहनें, यह नई शुरुआत और सम्मान का प्रतीक है।

*07. बुजुर्गों का आशीर्वाद लें: परिवार के बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।

*08. मिठाई बांटें: पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मिठाई और उपहार बांटें, इससे सामाजिक सौहार्द बढ़ता है।

*09. जुआ खेलना (सांकेतिक): परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ा सा शुभ जुआ (ताश, पासा) खेलना शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव के साथ पासे खेले थे। लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा न खेलें।

"क्या न करें" ("What Not to Do on Diwali"):

*01. तामसिक भोजन से बचें: इस दिन मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि तामसिक चीजों का सेवन वर्जित है।

*02. झाड़ू का प्रयोग न करें: पूजा के बाद घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इससे लक्ष्मी जी चली जाती हैं।

*03. क्रोध और झगड़े से दूर रहें: यह त्योहार प्रेम और सौहार्द का है, इसलिए किसी से झगड़ा या बहस न करें।

*04. अकेले न रहें: दीपावली के दिन अकेले नहीं रहना चाहिए। परिवार के साथ रहें और मिल-जुलकर उत्सव मनाएं।

*05. दीपक बुझाने के लिए फूंक न मारें: दीपक को अपने आप बुझने दें या हाथ से बुझाएं, फूंक मारकर नहीं।

*06. चोरी-छिपे पूजा न करें: पूजा खुले दिल और सार्वजनिक रूप से करें, छिपकर नहीं।

"दीपावली 2028 का शुभ मुहूर्त" 

2028 में दीपावली 17 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। नीचे दिल्ली के लिए विशेष रूप से निर्धारित लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण समय दिए गए हैं।

📅 दीपावली 2028 शुभ मुहूर्त

मुहूर्त / समयावधि दिन और तिथि समय

दीपावली / लक्ष्मी पूजा का दिन 17 अक्टूबर, मंगलवार (कार्तिक अमावस्या) -

प्रदोष काल (सर्वाधिक शुभ समय) 17 अक्टूबर, मंगलवार शाम 06:51:58 से रात 08:24:58 तक

लक्ष्मी पूजा का मुख्य मुहूर्त (वृषभ काल में) 17 अक्टूबर, मंगलवार 19:20:36 से 20:19:58 तक

महा निशा काल मुहूर्त (माता काली की पूजा हेतु) 17-18 अक्टूबर 23:41:18 से 24:31:39 तक

अन्य शुभ चौघड़िया मुहूर्त 17 अक्टूबर, मंगलवार सायंकाल (लाभ): 19:23:20 से 20:57:43 तक रात्रि (शुभ, अमृत, चल): 22:32:06 से 27:15:14 तक

💡 "पूजन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी"

*01.सर्वोत्तम समय: लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) को सबसे उत्तम माना गया है। इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक या कुंभ जैसी स्थिर लग्न हो, तो पूजा करना विशेष फलदायी होता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे लक्ष्मी जी घर में स्थिर रहती हैं।

*02.महानिशीथ काल: यह समय रात्रि के गहन समय में आता है और यह मुख्य रूप से तांत्रिक क्रियाओं तथा माता काली की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है।

*03.पूजा की तैयारी: दीपावली के दिन पूजन से पहले घर की अच्छे से सफाई करके गंगाजल छिड़कना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना और दीयों की श्रृंखला लगाना शुभ माना जाता है।

"दीपावली पूजा विधि" ("स्टेप बाय स्टेप")

*01. स्नानादि और तैयारी: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।

*02. कलश स्थापना: चौकी पर एक कलश रखें, उसमें जल, सुपारी, सिक्का, अक्षत और एक सोने/चांदी का सिक्का डालें। कलश के ऊपर नारियल रखें और उस पर स्वस्तिक बनाएं।

*03. देवताओं की प्रतिमा स्थापित करें: कलश के बगल में श्री गणेश, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु या कुबेर की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।

*04. पंचामृत से स्नान: सभी देवताओं को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से स्नान कराएं। फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें।

*05. सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं: माता लक्ष्मी को सिंदूर और सभी देवताओं को अक्षत (चावल) चढ़ाएं।

*06. धूप-दीप दिखाएं: धूपबत्ती, दीपक और कपूर जलाकर आरती करें।

*07. फूल और माला अर्पित करें: सभी देवताओं को फूल, माला और तुलसी दल अर्पित करें। विशेष रूप से लक्ष्मी जी को कमल का फूल अति प्रिय है।

*08. नैवेद्य अर्पित करें: मिठाई, फल, नारियल आदि भोग के रूप में अर्पित करें।

*09. लक्ष्मी स्तोत्र या मंत्र का जाप: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्माकं दारिद्र्य नाशय प्रयच्छ प्रयच्छ ॐ स्वाहा" मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करें।

*10. आरती: "ॐ जय लक्ष्मी माता..." आरती करें और परिवार के सदस्यों के साथ प्रसाद वितरित करें।

"दीपावली के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं"

क्या खाएं (What to Eat):

*01.मिठाइयां: लड्डू, जलेबी, बर्फी, काजू कतली आदि शुभ मानी जाती हैं। मीठा खाने से मन प्रसन्न रहता है।

*02.सात्विक भोजन: पूरी, कचौरी, हलवा, खीर, सब्जी आदि सात्विक भोजन ग्रहण करें।

*03.मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता आदि का सेवन करें। इन्हें पूजा में चढ़ाने के बाद प्रसाद रूप में खाएं।

*04.फल: केला, सेब, अनार आदि फलों का सेवन अवश्य करें।

"क्या न खाएं" (What to Avoid):

*01.मांस-मदिरा: इनका सेवन वर्जित है।

*01.तला-भुना अधिक न खाएं: स्वास्थ्य के लिहाज से अत्यधिक तला-भुना भोजन न करें।

*02.बासी भोजन: इस दिन बासी भोजन ग्रहण न करें।

"दीपावली के अचूक टोटके"

*01. धन प्राप्ति का टोटका: पूजा के बाद 11 सिक्के लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें। पूरे साल वहां रहने दें। अगले साल दीपावली पर इन्हें नदी में प्रवाहित कर दें और नए सिक्के रखें।

*02. नौकरी में तरक्की का टोटका: दीपावली की रात एक नोटबुक और कलम पर केसर से ॐ लिखें और इसे अपने ऑफिस की टेबल में रख दें। इससे करियर में उन्नति होगी।

*03. वैवाहिक जीवन में सुख का टोटका: दीपावली की रात पति-पत्नी मिलकर एक दीपक जलाएं और साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें। इससे पारिवारिक कलह दूर होती है।

*04. कर्ज से मुक्ति का टोटका: दीपावली के दिन पूजा में उड़द की दाल का प्रयोग करें और पूजा के बाद उसे बहते पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसा माना जाता है कि इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है।

*05. शत्रु पर विजय का टोटका: दीपावली की रात हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर चढ़ाकर एक दीपक जलाएं और "ॐ हनुमते नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

: "दीपावली को व्रत रखना क्यों है जरूरी"?

*01.दीपावली का व्रत सिर्फ भूखा रहना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। इस दिन व्रत रखने के पीछे कई कारण हैं:

*02.शरीर और मन की शुद्धि: त्योहारों के दौरान होने वाली अतिरिक्त खान-पान की गतिविधियों से पहले व्रत रखकर शरीर को डिटॉक्सीफाई किया जाता है।

*03.इंद्रियों पर नियंत्रण: व्रत रखने से इच्छाशक्ति मजबूत होती है और इंद्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है।

*04.आध्यात्मिक लाभ: यह व्रत माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा पाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थिर रहती हैं।

*05.कर्मों का फल: पुराणों के अनुसार, दीपावली का व्रत रखने से पूर्वजन्म के पापों से मुक्ति मिलती है और इस जन्म के कर्मों का शुभ फल प्राप्त होता है।

*06.व्रत को फलाहार या एक समय भोजन के साथ भी रखा जा सकता है, यह व्यक्ति की श्रद्धा और क्षमता पर निर्भर करता है।

"दीपावली के दिन कौन-कौन से देवताओं की होती है पूजा"?

मुख्य रूप से तीन देवताओं की पूजा का विधान है:

*01. भगवान गणेश: हर शुभ कार्य में सबसे पहले उनकी पूजा की जाती है। वे विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता हैं।

*02. माता लक्ष्मी: धन, समृद्धि, सौभाग्य और ऐश्वर्य की देवी। उनकी पूजा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

*03. भगवान कुबेर: ये धन के कोषाध्यक्ष माने जाते हैं। इनकी पूजा से धन की स्थिरता आती है।

*04.इनके अलावा, कुछ परिवारों में माता सरस्वती (ज्ञान की देवी) और भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।

"घर में कैसे करें पूजा" (सरल विधि)

यदि आप विस्तृत पूजा नहीं कर सकते, तो यह सरल विधि अपनाएं:

*01. स्नान करके साफ कपड़े पहनें।

*02. एक थाली में रोली, अक्षत, फूल, सिक्के, मिठाई और दीपक रख लें।

*83. लक्ष्मी-गणेश के चित्र के सामने बैठ जाएं।

*04. सबसे पहले गणेश जी को रोली-अक्षत चढ़ाएं और मंत्र बोलें: "ॐ गं गणपतये नमः"।

*05. फिर माता लक्ष्मी को रोली, अक्षत, फूल चढ़ाएं और एक सिक्का चढ़ाएं।

*06. दीपक जलाएं और थोड़ी सी मिठाई भोग लगाएं।

*07. नमस्ते करके प्रार्थना करें कि "हे माता, हमारे घर में सुख-समृद्धि बनाए रखना।"

*08. पूरे परिवार के साथ आरती करें और प्रसाद बांटें।

"विदेश में कैसे मनाई जाती है दीपावली"?

दीपावली अब एक वैश्विक त्योहार बन चुका है।

*01.नेपाल: इसे "तिहार" के नाम से मनाते हैं और इसमें कौवे, कुत्ते, गाय और बैल की भी पूजा की जाती है।

*02.श्रीलंका: यहां भी राम की वापसी की याद में दीप जलाए जाते हैं।

*03.मलेशिया और सिंगापुर: यहां दीपावली एक राष्ट्रीय अवकाश है। लोग 'ओपन हाउस' रखते हैं जहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के घर जाकर बधाई देते हैं।

*04.फिजी: यहां भव्य जुलूस निकाले जाते हैं और पारंपरिक लक्ष्मी पूजा का आयोजन होता है।

*05.यूनाइटेड किंगडम और USA: लंदन, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भव्य दीपावली मेलों का आयोजन होता है। संसद भवन और एम्पायर स्टेट बिल्डिंग जैसे प्रतिष्ठित स्थानों को दीपों से सजाया जाता है।

*06.ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न और सिडनी में बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और आतिशबाजी का प्रदर्शन होता है।

"दिवाली के संबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर" (FAQs)

*Q1. दीपावली के दिन कुत्ते की पूजा क्यों की जाती है?

*A1.यह परंपरा मुख्यतः नेपाल में है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमराज के दूत के रूप में आए कुत्ते की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।

*Q2. क्या दीपावली के दिन मुंडन संभव है?

*A2.अमावस्या का दिन मुंडन के लिए शुभ नहीं माना जाता। इसलिए दीपावली के दिन मुंडन कराने से बचना चाहिए।

*Q3. दीपावली पर कब्जा किए हुए पुराने सामान का क्या करें?

*A3.दीपावली की सफाई के दौरान बेकार और टूटे-फूटे सामान को हटा देना चाहिए। लेकिन अगर कोई सामान अभी भी उपयोगी है, तो उसे दान कर देना चाहिए।

*Q4. दीपावली के दिन कितने दीपक जलाने चाहिए?

*A4.कोई निश्चित संख्या नहीं है, लेकिन 11, 21, 51 या 101 जैसी शुभ संख्या में दीपक जलाए जा सकते हैं। मुख्य बात है श्रद्धा।

*Q5. क्या पालतू जानवरों को दीपावली की मिठाई खिला सकते हैं?

*A5.नहीं, मनुष्यों के लिए बनी मिठाइयों में चीनी और अन्य तत्व होते हैं जो जानवरों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उन्हें उनके विशेष आहार ही दें।

"डिस्क्लेमर" 

इस ब्लॉग में प्रदान की गई सभी जानकारी पारंपरिक मान्यताओं, लोककथाओं, धार्मिक ग्रंथों और सामान्य ज्ञान पर आधारित है। यह जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत की गई है। 

लेखक या ब्लॉग प्लेटफॉर्म किसी भी प्रकार की धार्मिक, वैधानिक, वित्तीय या चिकित्सीय सलाह देने का दावा नहीं करता। दीपावली पूजा विधि और शुभ मुहूर्त अलग-अलग क्षेत्रों, परंपराओं और पंचांगों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या टोटके को अपनाने से पहले अपने विवेक का प्रयोग अवश्य करें। की गई किसी भी प्रकार की प्रथाओं के परिणामों की जिम्मेदारी पाठकों की स्वयं की होगी। 

किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर योग्य चिकित्सक से सलाह लें और वित्तीय निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। हमारा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। यह ब्लॉग सिर्फ जानकारी को एकत्रित करके एक स्थान पर प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। आपकी व्यक्तिगत श्रद्धा और विश्वास सर्वोपरि है।

आप सभी को दीपावली 2018 की हार्दिक शुभकामनाएं! यह त्योहार आपके और आपके परिवार के जीवन में अपार खुशियां, समृद्धि और सफलता लेकर आए। शुभ दीपावली!

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