भूलकर भी न करें ऐसा 13 काम, जिसका परिणाम हो बुरा
भगवान शिव एक ओर जहां अत्यंत भोले और दयालु हैं वहीं दूसरी ओर अत्यंत क्रोधित भी है। शिव भक्त की हल्की सी भी भक्ति से वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं।
लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि वे भक्त की निश्छल भक्ति को ही अधिक महत्व देते है। ऐसे में भूल से भी भगवान भोलेनाथ पर किसी भी कीमत पर अविश्वास नहीं करना चाहिए। अर्थात श्रृद्धा में थोड़ी सी भी कमी वे बर्दाश्त नहीं करते हैं।
पूजा करने के दौरान शिव भक्तों को इन 14 विषयों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी कर लेनी चाहिए। इसके बाद ही भोलेनाथ को श्रद्धा पूर्वक पूजन करनी चाहिए।
केतकी और तुलसी पत्ता
भोलेनाथ की पूजा में केतकी का फूल और तुलसी पत्ता नहीं चढ़ाई जाती है। इसके अलावा तुलसी और केतकी पुष्प भगवान गणेश पर भी नहीं चढ़ाते हैं।
शंख से न करें अभिषेक
भगवान भोलेनाथ को पूजा करते समय कभी भी शंख से जलाभिषेक नहीं करना चाहिए।
खंड़ित चावल चढ़ाना वर्जित
भगवान भोलेनाथ की पूजा में खंडित चावल चढ़ाना वर्जित है। तो व्यक्ति खंडित चावल चढ़ाते हैं वैसे लोग पाप का भागी बन जाते हैं।
नमक निषेध
नमक का प्रसाद बनाना, ग्रहण करना और भक्तों के बीच बांटना वर्जित है।
सोना मना
व्रत वाले दिन दोहपर में शयन करना सख्त मना है
पूजा का समय हो निश्चित
हर सोमवारी व्रत और पूजन करने का समय निश्चित रखें। ऐसा ना हो कि एक सोमवारी को दोपहर को और दूसरे सोमवारी को शाम को पूजा करें। ऐसा पूजा करना गलत है।
एक बार खांए खाना
सोमवारी व्रत के व्रतधारियों को दिन में एक ही समय एक ही बार भोजन ग्रहण करना चाहिए।
साथ ही साफ-सुथरी स्थान पर बैठकर प्रसाद अर्थात भोजन ग्रहण करें। चलते फिरते ग्रहण करना मना है।
उपहार देना न भूलें
हर सोमवारी व्रत के पारण के बाद एक विवाहित जोड़े को उपहार में वस्त्र, फल और मिठाईयां दें।
नारियल पानी चढ़ाना अशुभ है
भगवान भोलेनाथ को भक्त नारियल तो चढ़ा सकते हैं, पर नारियल का पानी चढ़ाना सख्त मना है।
हल्दी और सिंदूर न चढ़ाएं भोलेनाथ पर
यदि कोई भक्त पूजा करने के दौरान शिवलिंग पर हल्दी और सिंदूर चढ़ाता है तो ऐसा करने वाले भक्त उनके क्रोध के अधिकारी बन सकते हैं।
चोरी व जुआ खेलने से शिव होते हैं क्रोधित
चोरी करना,जुआ खेलना, माता-पिता सहित बड़े बुजुर्गों, देवी-देवताओं और साधु- संतों का अपमान करने से भोलेनाथ नाराज़ हो जाते हैं और भगवान शिव का क्रोध पूरे परिवार को भोगना पड़ता है।
स्त्रियों पर बुरी नजर न रखें
किसी दूसरे के धन और स्त्रियों पर बुरी नजर रखने वालों से भी भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं। इसलिए मुख्य रूप से सोमवार के दिन कभी भी घर आए मेहमान को अपमान और निरादर नहीं करना चाहिए।
शिव पर करें पूर्ण विश्वास और न ही श्रृद्धा में कोई रखें कमी
न पहनें काला कपड़ा और न करें पूजा।
भगवान भोलेनाथ के दिन अर्थात सोमवार को उनकी पूजा करते समय शिव भक्तों को कभी काला वस्त्र धारण करके पूजा नहीं करनी चाहिए। माना जाता है कि भगवान शिव को ही नहीं उनके पुत्र गणेश और माता पार्वती को भी काले रंग का वस्त्र पसंद नहीं है।
अत: सोमवार के दिन जहां तक हो सके हमेशा सफेद रंग का वस्त्र पहना चाहिए, यदि वह उपलब्ध न हो तो हरा, पीला, लाल, आसमानी, सफ़ेद और केसरिया रंग के वस्त्र भी धारण कर सकते हैं भक्तगण।
ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के द्वारा सफेद फूल, सफेद चंदन, पंनामृत, सुपारी चावल, मौसमी फल और गंगाजल और शुद्ध जल से भगवान शिव और पार्वती का पूजन करना चाहिए।
शिव भक्तों को सोमवारी या सालों भर आने वाले सोमवार व्रत करने से पहले इन सब बातों पर ध्यान रखना चाहिए। भगवान भोलेनाथ को मनाना है और अपने पूजा से खुश रखना है तो ऊपर दी गई बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
डिस्क्लेमर
ऊपर दिए गए लेख की बातों का समर्थन हमारे पुराणों में किया गया है। यह लेख पूरी तरह धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में दिए गए बातों का प्रमाण हमारे धर्म पुस्तक में मिलता है। यह लेख आपको कैसा लगा हमारे ईमेल पर जरूर अपनी प्रतिक्रिया भेजिएगा।