3 अगस्त को भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन त्यौहार धूमधाम से मनाया जायेगा। इस बार अमृत योग में रक्षाबंधन त्योहार मनाकर, भाईयों के दीर्घायु होने की कामना करेंगी बहने। अभिजीत मुहूर्त में भी राखी बांधना शुभ होगा।
3 अगस्त, दिन सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा रात्रि 9:00 बज के 29 मिनट तक रहेगा। उस दिन उत्तराषाढ नक्षत्र और प्रीति योग है। करण विष्ट है। साथ ही सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेगा। सूर्य दक्षिणायन में होंगे।
क्यों अशुभ है भद्रा नक्षत्र
भद्रा अशुभ और क्रोधी स्वभाव की नक्षत्र है। भगवान सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है भद्रा। कोई भी शुभ काम करते समय भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि पुराणों के अनुसार भद्रा अशुभ और क्रोधी नक्षत्र है, यानि शनि की बहन होने के कारण वह क्रोधी स्वभाव की है। पौराणिक कथा के अनुसार रावण की बहन ने भद्रा काल में रावण को राखी बांधी थी। इसीलिए रावण का विनाश हो गया।
3 अगस्त को सुबह 7:00 बज के 53 मिनट से लेकर 9:30 बजे तक भद्रा और राहु काल चलेगा। इस दौरान बहनों को अपने भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा काल का सम्मान हर बहन को करनी चाहिए।
राखी बांधने का जाने शुभ योग
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6: 13 मिनट से लेकर 7:30 बजे तक और संध्या 5:00 बज के 35 मिनट से 7:13 बजे तक है। इस दौरान अमृत योग रहेगा। उसी तरह सुबह 9:30 बजे से लेकर 11:00 बज कर 7 मिनट तक शुभ योग है। इस समय राखी बांधना काफी हितकारी होगा।
राखी चर और लाभ मुहूर्त में भी बांध सकते हैं। चर मुहूर्त योग दिन के 2:00 बज के 21 मिनट से लेकर 3:58 बजे तक और लाभ योग 3:58 से 5:00 बज के 35 मिनट तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधना भाई और बहन के प्रेम को और प्रगाढ़ बनाएगा।
5 अगस्त को सुबह 7:53 बजे से लेकर 9:30 बजे तक भद्रा नक्षत्र और काल योग रहेगा उसी प्रकार दिन के 11:07 से लेकर 12:44 यमघाट काल रहेगा। इस दौरान राखी बांधना अशुभ होगा और यह समय भाई बहनों के लिए अहितकर है। बहनें इस दौरान राखी बांधने से बचें।
अभिजीत मुहूर्त में भी राखी बांधना शुभ होता है। पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त दिन के 12:00 बजे के 19 मिनट से प्रारम्भ होकर 1:00 बज कर 9 मिनट तक रहेगा।