"Kamada Ekadashi 2027 कामदा एकादशी : पूर्ण व्रत कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और अचूक टोटके"

 "जानें चैत्र शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी 17 अप्रैल 2027 की सटीक तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजा विधि और पारंपरिक नियम। पुण्य, मनोकामना पूर्ति व भगवान विष्णु की कृपा के लिए पढ़ें पूरा ब्लॉग।"

Kamada Ekadashi 2027: Lord Vishnu Image

"कामदा एकादशी का महत्व"

कामदा एकादशी सनातनी पंचांग के चैत्र शुक्ल पक्ष की पहली एकादशी है। इसके व्रत से व्यक्ति पाप और दोष से मुक्त होकर, मनोकामना पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है। यह व्रत वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य दायक है और शास्त्रों के अनुसार, गृहस्थ, ब्रह्मचारी, स्त्री-पुरुष सभी के लिए यह सुख, शांति व समृद्धि देने वाला पर्व है।

"पौराणिक कथा" 

पूर्व काल में भोगीपुर नामक राज्य में रत्न केतु नाम का राजा शासन करता था। उसी राज्य में गंधर्व ललित और उसकी पत्नी अप्सरा ललिता रहते थे। एक बार राजदरबार में ललित का ध्यान अपनी पत्नी ललिता पर चला गया, जिससे वह गायन में चूक गया। क्रोधित राजा ने उसे शाप देकर राक्षस योनि में भेज दिया।

ललिता को जब अपने पति के कष्ट का पता चला, तब वह ऋषि श्रृंगी के पास पहुंची। ऋषि ने कामदा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। ललिता ने श्रद्धा से व्रत किया और भगवान विष्णु की आराधना की। व्रत की पुण्य-क्रिया से उसका पति ललित शापमुक्त होकर अपने पुराने स्वरूप में लौट आया।

इस कथा का सार यह है कि श्रद्धा, प्रेम और आस्था से किया गया व्रत असाध्य को भी साध्य कर देता है। कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा, कथा और व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप कट जाते हैं और समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

�."कामदा एकादशी के दिन क्या करें"

*01.सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

*02.पीले वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को स्वच्छ रखें।

*03.भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का ध्यान करें।

*04.पंचामृत, तुलसी पत्र, फूल, धूप, दीप से पूजन करें।

*05.व्रत कथा पढ़ें या सुनें, दिनभर फलाहार करें।

*06.रात्रि में भजन-कीर्तन करें, जागरण करना शुभ है।

*07.ब्राह्मण या गरीब को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दान दें

�."कामदा एकादशी के दिन क्या न करें"

*01.झूठ, छल, क्रोध, कटु वचन, निंदा, आदि का त्याग करें।

*02.प्याज, लहसुन, आलू, मांस-मदिरा, चावल, दाल, तामसिक भोजन न लें।

*03.दिन में सोने और दुष्चर्या से बचें।

*04.व्रत भंग करने वाले आचरण से दूर रहें।

"क्या खाएं और क्या ना खाएं"

"खाएं:"

*फल, सूखे मेवे, दूध, दही, मखाना, साबूदाना, सिंहाड़े का आटा, कुट्टू या राज गिरे का आटा।

*चाय या नींबू पानी।

"ना खाएं":

*चावल, गेहूं, दालें, मांसाहार, प्याज, लहसुन, बासी खाद्य।

"भगवान विष्णु के किस रूप की पूजा होती है"

*कामदा एकादशी के दिन “श्रीधर” रूप एवं “वासुदेव” रूप की पूजा शुभ मानी जाती है। गले में वैजयंती माला, चार हाथों में शंख, चक्र, गदा, पद्म लिए पीताम्बरधारी भगवान विष्णु का ध्यान करें और पीले फूल, तुलसी पत्र समर्पित करें��

"पूजा विधि" (Step by Step)

*01.प्रातः स्नान के बाद साफ पीले वस्त्र पहनें।

*02.पूजा स्थल पर आसन बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा/फोटो स्थापित करें।

*03.पंचामृत, गंगाजल, तुलसी पत्र, पीले फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि सामग्री रखें।

*04.“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र से पूजन का संकल्प लें।

*05.भगवान का श्रृंगार करें, फूल, माला, चंदन अर्पित करें।

*06.व्रत कथा पढ़ें या सुनें।

*07.विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

*08.आरती करें, 

*09.भजन-कीर्तन करें।

व्रत पारण द्वादशी के दिन ब्राह्मण/जरूरतमंद को तिल, कपड़े, फल, भोजन दान करें।

"शुभ-अशुभ मुहूर्त"

"चारों पहर पूजा करने का शुभ मुहूर्त" 

कामदा एकादशी 17 अप्रैल 2027 कामदा एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार है। अभिजीत मुहूर्त 11:20 बजे से लेकर 12:10 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 01:52 बजे से लेकर 02:45 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:05 बजे से लेकर 06:28 बजे तक, निशिता मुहूर्त मध्य रात्रि के लिए 11:27 बजे से लेकर 12:07 बजे तक, सुबह ब्रह्म मुहूर्त 03:53 बजे से लेकर 04:39 बजे तक 

चौघड़िया मुहूर्त सुबह का 06:59 बजे से लेकर 08:34 बजे तक, दोपहर 11:45 बजे से लेकर 01:20 तक चर मुहूर्त, शाम 06:30 से लेकर 07:31 बजे तक लाभ मुहूर्त, रात्रि 11:45 बजे से लेकर 01:09 बजे तक और अहले सुबह पालन के लिए सुबह 06:58 बजे से लेकर 08:34 बजे तक, लाभ मुहूर्त रहेगा इस दौरान आप पारण कर सकते हैं।

"अशुभ मुहूर्त" 

गुलिक मुहूर्त सुबह 05:24 बजे से लेकर 06:59 बजे तक, काल मुहूर्त सुबह 08:34 बजे से लेकर 10:10 बजे तक और यमगण्ड मुहूर्त दोपहर 01:20 बजे से लेकर 02:56 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा-अर्चना करना वर्जित है।

"प्रश्न और उत्तर"

Q: क्या सभी व्यक्ति व्रत कर सकते हैं?

A: स्वस्थ व्यक्ति नियम के अनुसार व्रत कर सकते हैं, अन्य फलाहार विकल्प चुनें�.

Q: पारण कब करना चाहिए?

A: द्वादशी तिथि में ही पारण करना चाहिए, समय देख लें।

"पूजा सामग्री सूची"

*भगवान विष्णु की प्रतिमा/फोटो

*पंचामृत, 

*तुलसी पत्र, 

*पीले फूल, फल, 

*नारियल

*गंगाजल, 

*कपूर, 

*धूप, 

*दीप, 

*नैवेद्य

*पीला वस्त्र,

* हार, 

*माला, 

*चंदन, 

*अक्षत 

*तिल, 

*वस्त्र, 

*दान सामग्री

"कामदा एकादशी के दिन कैसे सोएं"

इस दिन भूमि पर सोने का विधान है या अधिक से अधिक साधारण आसन/चटाई का उपयोग करें। नर्म-आलीशान गद्दे का त्याग करें�.

"अद्वितीय घटना"

कई धार्मिक ग्रंथों व भक्तों के अनुभव में कहा गया है कि इस एकादशी के जागरण, व्रत व कथा श्रवण से कठिन जीवन-समस्या, सन्तान या आर्थिक अभाव व विघ्न स्वतः दूर हो जाते हैं। कामनाएं पूर्ण होने की घटनाएं बहु प्रसिद्ध हैं�.

"अचूक टोटके"

श्रीहरि को तुलसी पत्र समर्पित करें, प्रति एक पत्र पर “नमो भगवते वासुदेवाय” जपें।

आर्थिक उन्नति हेतु पीला धागा या पीला वस्त्र श्रीविग्रह पर अर्पित करें।

केले का दान करें, 

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

"Disclaimer" 

यह ब्लॉग धार्मिक ग्रंथों, पुराणों, पंचांग, और पारंपरिक मान्यताओं तथा अनुभवी पुरोहितों के विचारों पर आधारित जानकारी साझा करता है। इसमें दी गई व्रत-पूजन विधि, मुहूर्त व कथा का उद्देश्य केवल जन-जागरूकता, आस्था और धार्मिक प्रवृत्ति को बढ़ाना है, किसी भी प्रकार की कानूनी, स्वास्थ्य संबंधी अथवा व्यक्तिगत निर्णय की जिम्मेदारी पाठक की है।

व्रत में सर्वश्रेष्ठ आस्था एवं स्वास्थ्य का संतुलन रखना चाहिए; कोई भी नया कायदा, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, परिस्थितियों, जीवनशैली व परिजनों की सलाह से ही अपनाएं।


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