Mokshada Ekadashi 2027: तिथि, कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, क्या करें-क्या न करें
byRanjeet Singh-
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"09 दिसंबर 2027 दिन गुरुवार को मोक्षदा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पौराणिक कथा, क्या खाएं-क्या न खाएं, अचूक टोटके, FAQ और आध्यात्मिक-वैज्ञानिक महत्व पढ़ें। पितृ-मुक्ति का सर्वोत्तम व्रत"
🌼 "मोक्षदा एकादशी 2027: तिथि, महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, पौराणिक कथा और संपूर्ण मार्गदर्शिका"
*(09 दिसंबर 2027, दिन—गुरुवार)
*मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म की सबसे पुण्य दायी एकादशियों में से मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किया गया व्रत न केवल व्यक्ति के पापों का नाश करता है, बल्कि पितरों को भी मुक्ति प्रदान करता है। शास्त्रों में इसे गीता जयंती का दिन भी कहा गया है, क्योंकि इसी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को परमपावन “श्रीमद्भगवद्गीता” का उपदेश दिया था।
*यह पर्व भगवान विष्णु के ‘मोक्षदायी’ स्वरूप को समर्पित है।
📅*मोक्षदा एकादशी 2027: तिथि और शुभ मुहूर्त
👉 *एकादशी प्रारंभ
*08 दिसंबर 2027, बुधवार – रात 10:46 बजे
👉 *एकादशी समाप्त
*09 दिसंबर 2027, गुरुवार – रात 08:10 बजे
✔* व्रत पारण (उदयातिथि मान्य)
*10 दिसंबर 2027, शुक्रवार – सुबह 06:50 बजे से 09:05 बजे के बीच
🌞 *09 दिसंबर 2027 (मोक्षदा एकादशी) का दिन कैसा रहेगा?
*यह दिन धार्मिक कार्यों, दान-पुण्य, व्रत, सत्संग, जप-ध्यान, और पितृ तर्पण के लिए अत्यंत उत्तम रहेगा।
*जो लोग भविष्य में आने वाली मानसिक, आध्यात्मिक और पारिवारिक समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं, उनके लिए यह दिन मनोकामना पूर्ति का उत्तम अवसर है।
*ग्रहों की स्थिति इस दिन आध्यात्मिक उन्नति और मनोबल वृद्धि का संकेत देती है।
*किसी नए कार्य की शुरुआत से लाभ मिल सकता है, परंतु निवेश में सावधानी रखें।
✨ "मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा" (विस्तृत और रोचक)
*विष्णु पुराण और पद्म पुराण में मोक्षदा एकादशी की एक अद्भुत कथा वर्णित है—
*बहुत समय पहले चम्पक नगरी नाम का एक विशाल राज्य था जिसके राजा वैकुण्ठ न्यायप्रिय, दयालु और धर्म पालक थे। एक दिन राजा ने स्वप्न में देखा कि उनके मृत पिता अत्यंत दुखी अवस्था में एक घोर अंधेरी जगह पर कष्ट भोग रहे हैं। पिता ने कहा—
> “मेरे पुत्र… मैंने जीवन में कुछ भूलें की थीं, इसलिए मैं इस दुष्ट योनि में पड़ा हुआ हूँ। मुझे मोक्ष दिलाने का उपाय तुम ही खोजो…”
*राजा भयभीत और व्याकुल हो गए। उन्होंने अपने पितरों की मुक्ति का उपाय जानने हेतु ऋषियों के पास जाकर समाधान पूछा।
*ऋषियों ने कहा—
"हे राजन! इस दुख से मुक्ति का एक ही उपाय है—
*मोक्षदा एकादशी का व्रत।
*आप स्वयं व्रत करें और पुण्य अपने पिताजी को अर्पित करें।"
*राजा ने अद्भुत भक्ति से व्रत किया, भगवान विष्णु की उपासना की और दान-पुण्य कर अपने पिताजी को व्रत फल समर्पित किया।
*व्रत के प्रभाव से उनके पिता तत्काल पाताल के कष्टों से मुक्त होकर दिव्य रूप में स्वर्ग लोक को प्रस्थान कर गए।
*आकाश से देवदूत प्रकट होकर बोले—
> “राजन! मोक्षदा एकादशी सचमुच मोक्ष देने वाली है। इससे न केवल व्यक्ति स्वयं, बल्कि उसके पितर भी मुक्त हो जाते हैं।”
🪔 "मोक्षदा एकादशी में पूजा जाने वाले भगवान का स्वरूप"
*इस दिन श्री विष्णु के ‘मोक्ष’ और ‘क्षीरसागर-शयन’ रूप की पूजा की जाती है।
*भगवान श्वेत वस्त्र धारण किए हुए
*/चार भुजाओं में शंख, चक्र, गदा और पद्म
*शेषशायी (अनंतनाग पर शयन किए हुए)
*दिव्य प्रकाश और शांति का आभा मंडल
*इस स्वरूप की पूजा करने से “मोक्ष” और “पितृ-मुक्ति” की प्राप्ति होती है।
🙏 "मोक्षदा एकादशी व्रत विधि" (Step-by-Step)
*01. प्रातःकालीन शुद्धि
*स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें
*घर के मंदिर को साफ करें, दीप प्रज्वलित करें
*02. संकल्प लें
*दाहिने हाथ में जल, पुष्प, अक्षत लेकर
“मैं मोक्षदा एकादशी का व्रत पितरों की मुक्ति और पापों की निवृत्ति हेतु कर रहा/रही हूँ”
*ऐसा संकल्प ले
*03. पूजा सामग्री
*तुलसी दल
*धूप-दीप
*पीले पुष्प
*पंचामृत
*पितरों के लिए काला तिल
*श्री विष्णु का चित्र/प्रतिमा
*गीता पुस्तक (विशेष महत्व)
*04. विष्णु भगवान की पूजा
*जलाभिषेक
*पंचामृत से स्नान
*वस्त्र, पुष्प, चंदन, अक्षत अर्पित करें
*तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं
*05. गीता पाठ
*इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ अत्यंत शुभ है।
*06. व्रत का पालन
*एकादशी के पूरे दिन अनाज न खाएं
*केवल फलाहार करें (यदि संभव हो तो निर्जला व्रत)
*07. दान-पुण्य
*गाय को भोजन
*पितरों के लिए तिल, जल और दीपदान
*गरीबों को भोजन, कपड़े और कंबल दान
*08. अगले दिन पारण
*द्वादशी के उदय होते ही व्रत तोड़ें
*तुलसी या फल से पारण करना अत्यंत शुभ
🍽 "मोक्षदा एकादशी में क्या खाएं" (Do Eat)
*फल
*दूध, दही
*सिंघाड़ा आटा
*कुट्टू आटा
*साबूदाना
*मूंगफली
*घी
*नींबू जल
*नारियल पानी
*सादा नमक (सेंधा)
❌ "मोक्षदा एकादशी में क्या न खाएं" (Don’t Eat)
*चावल
*गेहूं, बाजरा, जौ
*दालें
*तिलहन
*मसाले
*लहसुन-प्याज
*मांसाहार
*शराब
*तंबाकू
✔" मोक्षदा एकादशी पर क्या करें"
*भगवान विष्णु का ध्यान
*गीता पाठ
*पितरों को स्मरण
*श्रद्धा के साथ व्रत
*गरीबों को भोजन
*तुलसी जल अर्पण
*विष्णु सहस्रनाम का जाप
🚫 "मोक्षदा एकादशी पर क्या न करें"
*क्रोध, विवाद, अपशब्द
*झूठ बोलना
*अनाज खाना
*किसी का अपमान
*अनावश्यक यात्रा
*रात्रि में तामसिक भोजन बनाना
🛏 "मोक्षदा एकादशी के दिन किस पर सोना चाहिए"?
*शास्त्रों में कहा गया है:
*एकादशी के दिन जमीन पर बिछे कुशासन या चटाई पर सोना चाहिए।
*इससे शरीर के दोष कम होते हैं और मन में सात्विकता बढ़ती है।
🔮 "मोक्षदा एकादशी के अचूक टोटके"
*01. पितृ मुक्ति के लिए
*पीपल के पेड़ के नीचे शाम को दीपक जलाएं।
*कहें—
“मेरे पितरों को मोक्ष प्राप्त हो।”
*02. कर्ज मुक्ति हेतु
*तुलसी के पौधे में सफेद तिल मिश्रित जल अर्पित करें।
*03. भाग्य खुलने हेतु
*भगवान विष्णु को पीली वस्तुओं का भोग लगाएं (हलवा, पीले फल, पीला पुष्प)।
*04. धन वृद्धि हेतु
*‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का 108 बार जाप करें।
*05. भय निवारण हेतु
*शंख में जल भरकर पूरे घर में छिड़कें।
❓ "मोक्षदा एकादशी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर* (FAQ)
*Q1. मोक्षदा एकादशी का मुख्य फल क्या है?
*A. पापों का नाश और पितरों को मोक्ष।
*Q2. क्या मोक्षदा एकादशी पर पितरों की शांति की जा सकती है?
*A. हां, यह विशेष रूप से पितृ-मुक्ति के लिए श्रेष्ठ है।
*Q3. क्या इस दिन चावल खाना मना है?
*A. जी हां, बिल्कुल मना है।
*Q4. क्या रोगी व्यक्ति व्रत कर सकता है?
*A. हां, फलाहार कर सकता है। निर्जला व्रत आवश्यक नहीं।
*Q5. मोक्षदा एकादशी किस देवता को समर्पित है?
*A. भगवान विष्णु के मोक्षदायी स्वरूप को।
🌙 "मोक्षदा एकादशी: सामाजिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण"
⭐ "सामाजिक दृष्टिकोण"
*यह पर्व परिवार और पितरों के प्रति कृतज्ञता का संदेश देता है।
*दान-पुण्य के माध्यम से समाज में सहयोग और सद्भाव बढ़ता है।
⭐ "वैज्ञानिक दृष्टिकोण"
*फलाहार और उपवास से शरीर का डिटॉक्स होता है।
*रात में हल्का भोजन करने से मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।
*गहरी नींद और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
⭐ "आध्यात्मिक दृष्टिकोण"
*यह दिन आत्मा को पवित्र करने का माध्यम है।
*आत्मज्ञान” और “धर्म के महत्व” को समझने का अवसर देता है।
*भगवद्गीता पाठ आत्मज्ञान के द्वार खोलता है।
⚠ "डिस्क्लेमर" (Disclaimer)
*यह लेख धार्मिक मान्यताओं, पुराणों और परंपराओं पर आधारित है।
*व्रत-उपवास की प्रक्रिया व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार होनी चाहिए।
*किसी प्रकार की शारीरिक समस्या वाले व्यक्ति डॉक्टर की सलाह अनुसार व्रत रखें।
*इस लेख का उद्देश्य सूचना प्रदान करना है, बाध्यता नहीं।