"मां भगवती के 108 नाम है। इस नाम का स्मरण करने से प्राणियों को सदगति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। दुर्गा सप्तशती ग्रंथ में इन नामों का विस्तार से चर्चा की गई है"।
भगवान शंकर ने पार्वती जी से करते हैं प्रिय अब मैं अष्टोत्तरशत नाम का वर्णन करता हूं। जिसके पाठ या श्रवण करने मात्र से परम साध्वी महा भगवती देवी दुर्गा प्रसन्न हो जाती है। मार्कंडेय पुराण में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति रोजाना मां दुर्गा की 108 नामों का जाप करेगा उसे कष्ट, रोग, दुख और अकाल मृत्यु नहीं होगा। उसका घर धन-धान्य से भरा रहेगा। विस्तार से जाने मां दुर्गा की 108 नाम की महिमा।
"मां दुर्गा की 108 नाम, जाने विस्तार से"
*१.सती- अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली ओ देवी जो अजन्मा है।
*२. साध्वी- आशावादी मां जो भक्तोंं में आशा जगाती है
*३. भवप्रीता- भगवान भोलेनाथ के प्रति प्रीति रखने वाली शक्ति
*४. भवानी- जो ब्रह्मांड में निवास करने वाली है
*५. भवमोचनी- संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली और भक्तों को भवसागर पार करने वाली माता।
*६. आर्या- देवी का वह स्वरूप जो विश्वरूूूपा हो
*७. दुर्गा- वह शक्ति जो अपराजेय हों और कभी न हारने वाली हो
*८. जया- वह शक्ति जिसका ब्रह्मांड में हमेशा विजयी हो और कभी ना हारने वाली हो
*२. साध्वी- आशावादी मां जो भक्तोंं में आशा जगाती है
*३. भवप्रीता- भगवान भोलेनाथ के प्रति प्रीति रखने वाली शक्ति
*४. भवानी- जो ब्रह्मांड में निवास करने वाली है
*५. भवमोचनी- संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली और भक्तों को भवसागर पार करने वाली माता।
*६. आर्या- देवी का वह स्वरूप जो विश्वरूूूपा हो
*७. दुर्गा- वह शक्ति जो अपराजेय हों और कभी न हारने वाली हो
*८. जया- वह शक्ति जिसका ब्रह्मांड में हमेशा विजयी हो और कभी ना हारने वाली हो
*९. आद्य- जो ब्रह्मांड की वास्तविकता हो और जिस से शुरुआत होती हो
*१०. त्रिनेत्र- तीन आंखों वालीं मां भवानी
*१०. त्रिनेत्र- तीन आंखों वालीं मां भवानी
*११. शूलधारिणी- त्रिशूल धारण करने वाली
*१२. पिनाकधारिणी- भगवान भोलेनाथ की त्रिशूल धारण करनेे वाली
*१३. चित्रा- अति सुंदर और विश्वरूपा
*१४. चण्डघण्टा- तीव्र स्वर से घंटा बजाने और धारण करने वाली
*१५. सुधा- सुधा बरसाने वाली अर्थात अमृत की देवी
*१६. मन- मन की शक्ति को सुदृढ़ बनाने वाली
*१७. बुद्धि- ब्रह्मांड में सबसे बड़ा ज्ञाता
*१८. अहंकारा- अहंकार करनेे वाली और हरने वाली
*१९. चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में रहने वाली
*२०. चिता- मृत्युशैय्या के सामान
*२१. चिति- हृदय में चेतना जगाने वाली
*२२. सर्वमन्त्रमयी- मंत्रों पर कमान रखने वाली और सभी तरह के मंत्रों का जानने वाली
*२३. सत्ता- सर्वोच्च सत्ता पर आसीन रहने वाली
*२४. सत्यानंद स्वरूपिणी- अनहद आनंद का रूप
*२५. अनन्ता- जिस स्वरूप का कोई अंत नहीं वह अनंता है
*१२. पिनाकधारिणी- भगवान भोलेनाथ की त्रिशूल धारण करनेे वाली
*१३. चित्रा- अति सुंदर और विश्वरूपा
*१४. चण्डघण्टा- तीव्र स्वर से घंटा बजाने और धारण करने वाली
*१५. सुधा- सुधा बरसाने वाली अर्थात अमृत की देवी
*१६. मन- मन की शक्ति को सुदृढ़ बनाने वाली
*१७. बुद्धि- ब्रह्मांड में सबसे बड़ा ज्ञाता
*१८. अहंकारा- अहंकार करनेे वाली और हरने वाली
*१९. चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में रहने वाली
*२०. चिता- मृत्युशैय्या के सामान
*२१. चिति- हृदय में चेतना जगाने वाली
*२२. सर्वमन्त्रमयी- मंत्रों पर कमान रखने वाली और सभी तरह के मंत्रों का जानने वाली
*२३. सत्ता- सर्वोच्च सत्ता पर आसीन रहने वाली
*२४. सत्यानंद स्वरूपिणी- अनहद आनंद का रूप
*२५. अनन्ता- जिस स्वरूप का कोई अंत नहीं वह अनंता है
*२६. भाविनी- जीवात्मा को उत्पन्न करनेे वाली
*२७. भाव्या- भावना एवं ध्यान करने योग्य
*२८. भव्या- कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
*२९. अभव्या- भव्यता की प्रकाष्ठा, जो सबसे श्रेष्ठ हो
*३०. सदागति- आत्मामा की गति और मोक्ष प्रदान करने वाली
*३१. शाम्भवी- शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
*३२. देवमाता- देवताओं की माता
*३३. चिन्ता- चिन्ता हरन करने वाली
*३४. रत्नप्रिया- आभूषणों को प्यार करने वाली
*३५. सर्वविद्या- सभी तरह की विद्या पर विजय प्राप्त करने वाली
*३६. दक्षकन्या- प्रजापति दक्ष की पुत्री
*३७. दक्षयज्ञविनाशिनी- प्रजापति दक्ष के यज्ञ को विनाश करने वाली
*३८. अपर्णा- समस्त्त अर्पण करने वाली
*३९. अनेकवर्णा- समस्त रंगों को समावेश करने वाली
*४०. पाटला- लाल रंग की चुनरी धारण करने वाली
*४१. पाटलावती- गुलाब के फूल
*४२. पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्रों को धारण करने वाली मां जगदंबा
*४३. कलामंजीरारंजिनी- पाजेब कर खूश रहने वाली
*४४. अमेय- जो अनंत है जिसकी कोई सीमा नहीं
*४५. विक्रमा- अत्यंत पराक्रमी
*४६. क्रूरा- अत्याचारी और दानवों के प्रति निठूर
*४७. सुन्दरी- विश्व सुंदरी रूप वाली
*४८. सुरसुन्दरी- अत्याधिक सुंदरी
*४९. वनदुर्गा- वन की रानी अर्थात वनदेवी
*५०. मातंगी- मतंग ऋषि की देवी
*५१. मातंगमुनिपूजिता- मतंगा ऋषि के पूजनीय
*५२. ब्राह्मी- ब्रह्माजी की शक्ति रूपा
*५३. माहेश्वरी- भगवान महेश की शक्ति
*५४. इंद्री- भगवान इन्द्रराज की शक्ति रूपा
*५५. कौमारी- बालिका
*५६. वैष्णवी- विश्व विजय
*५७. चामुण्डा- दानव चंड और राक्षस मुंड का नाश करने वाली मां भवानी
*५८. वाराही- वराह की सवारी करने वाली
*५९. लक्ष्मी- धन और सौभाग्य की देवी
*६०. पुरुषाकृति- वह शक्ति जो पुरुषों का रूप धारण कर ले
*६१. विमिलौत्त्कार्शिनी- सभी को आनंदित करने वाली मां
*६२. ज्ञाना- ज्ञान की देवी
*६३. क्रिया- हर तरह के कार्य को संपन्न करने वाली
*२७. भाव्या- भावना एवं ध्यान करने योग्य
*२८. भव्या- कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
*२९. अभव्या- भव्यता की प्रकाष्ठा, जो सबसे श्रेष्ठ हो
*३०. सदागति- आत्मामा की गति और मोक्ष प्रदान करने वाली
*३१. शाम्भवी- शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
*३२. देवमाता- देवताओं की माता
*३३. चिन्ता- चिन्ता हरन करने वाली
*३४. रत्नप्रिया- आभूषणों को प्यार करने वाली
*३५. सर्वविद्या- सभी तरह की विद्या पर विजय प्राप्त करने वाली
*३६. दक्षकन्या- प्रजापति दक्ष की पुत्री
*३७. दक्षयज्ञविनाशिनी- प्रजापति दक्ष के यज्ञ को विनाश करने वाली
*३८. अपर्णा- समस्त्त अर्पण करने वाली
*३९. अनेकवर्णा- समस्त रंगों को समावेश करने वाली
*४०. पाटला- लाल रंग की चुनरी धारण करने वाली
*४१. पाटलावती- गुलाब के फूल
*४२. पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्रों को धारण करने वाली मां जगदंबा
*४३. कलामंजीरारंजिनी- पाजेब कर खूश रहने वाली
*४४. अमेय- जो अनंत है जिसकी कोई सीमा नहीं
*४५. विक्रमा- अत्यंत पराक्रमी
*४६. क्रूरा- अत्याचारी और दानवों के प्रति निठूर
*४७. सुन्दरी- विश्व सुंदरी रूप वाली
*४८. सुरसुन्दरी- अत्याधिक सुंदरी
*४९. वनदुर्गा- वन की रानी अर्थात वनदेवी
*५०. मातंगी- मतंग ऋषि की देवी
*५१. मातंगमुनिपूजिता- मतंगा ऋषि के पूजनीय
*५२. ब्राह्मी- ब्रह्माजी की शक्ति रूपा
*५३. माहेश्वरी- भगवान महेश की शक्ति
*५४. इंद्री- भगवान इन्द्रराज की शक्ति रूपा
*५५. कौमारी- बालिका
*५६. वैष्णवी- विश्व विजय
*५७. चामुण्डा- दानव चंड और राक्षस मुंड का नाश करने वाली मां भवानी
*५८. वाराही- वराह की सवारी करने वाली
*५९. लक्ष्मी- धन और सौभाग्य की देवी
*६०. पुरुषाकृति- वह शक्ति जो पुरुषों का रूप धारण कर ले
*६१. विमिलौत्त्कार्शिनी- सभी को आनंदित करने वाली मां
*६२. ज्ञाना- ज्ञान की देवी
*६३. क्रिया- हर तरह के कार्य को संपन्न करने वाली

*६४. नित्या- आदि और अनन्त
*६५. बुद्धिदा- ज्ञान की भंडार जो सभी को देने वाली
*६६. बहुला- विभिन्न रूपों को धारण करने वाली
*६७. बहुलप्रेमा- सभी के प्रिय
*६८. सर्ववाहनवाहना- सभी तरह के वाहनों पर सवारी करने वाली
*६९. निशुम्भशुम्भहननी- राक्षस शुम्भ और निशुम्भ का वध करने वाली
*७०. महिषासुरमर्दिनि- राक्षस महिषासुर का वध करने वाली शक्ति
*७१. मसुकैटभहंत्री- राक्षस मधु और कैटभ का वध करने वाली
*७२. चण्डमुण्ड विनाशिनि- राक्षस चंड और मुंड का वध करने वाली
*७३. सर्वासुरविनाशा- सभी तरह के राक्षसों का विनाश करने वाली मां जगदंबा
*७४. सर्वदानवघातिनी- अत्याचार और राक्षसों का संहार के लिए शक्ति रखने वाली
*७५. सर्वशास्त्रमयी- सभी शास्त्रों में परांगत
*७६. सत्या- सच्चाई पर आसीन रहने वाली
*७७. सर्वास्त्रधारिणी- सभी शास्त्रों को धारण करने वाली
*७८. अनेकशस्त्रहस्ता- अनेकों तरह के शस्त्रों को धारण करने वाली
*७९. अनेकास्त्रधारिणी- अनेकों तरह के शस्त्रों को धारण करने वाली
*८०. कुमारी- कुमाारी कन्या जो अत्यधिक सुंदर है। ८१. *८१.एककन्या- एक कन्या
*८२. कैशोरी- जवान लड़की
*८३. युवती- लड़की
*८४. यति- तपस्विनी
*८५. अप्रौढा- जो कभी पुरातन ना हो
*८६. प्रौढा- बुढ़ापा
*६५. बुद्धिदा- ज्ञान की भंडार जो सभी को देने वाली
*६६. बहुला- विभिन्न रूपों को धारण करने वाली
*६७. बहुलप्रेमा- सभी के प्रिय
*६८. सर्ववाहनवाहना- सभी तरह के वाहनों पर सवारी करने वाली
*६९. निशुम्भशुम्भहननी- राक्षस शुम्भ और निशुम्भ का वध करने वाली
*७०. महिषासुरमर्दिनि- राक्षस महिषासुर का वध करने वाली शक्ति
*७१. मसुकैटभहंत्री- राक्षस मधु और कैटभ का वध करने वाली
*७२. चण्डमुण्ड विनाशिनि- राक्षस चंड और मुंड का वध करने वाली
*७३. सर्वासुरविनाशा- सभी तरह के राक्षसों का विनाश करने वाली मां जगदंबा
*७४. सर्वदानवघातिनी- अत्याचार और राक्षसों का संहार के लिए शक्ति रखने वाली
*७५. सर्वशास्त्रमयी- सभी शास्त्रों में परांगत
*७६. सत्या- सच्चाई पर आसीन रहने वाली
*७७. सर्वास्त्रधारिणी- सभी शास्त्रों को धारण करने वाली
*७८. अनेकशस्त्रहस्ता- अनेकों तरह के शस्त्रों को धारण करने वाली
*७९. अनेकास्त्रधारिणी- अनेकों तरह के शस्त्रों को धारण करने वाली
*८०. कुमारी- कुमाारी कन्या जो अत्यधिक सुंदर है। ८१. *८१.एककन्या- एक कन्या
*८२. कैशोरी- जवान लड़की
*८३. युवती- लड़की
*८४. यति- तपस्विनी
*८५. अप्रौढा- जो कभी पुरातन ना हो
*८६. प्रौढा- बुढ़ापा
"८७. वृद्धमाता- बुढ़ी माता
*८८. बलप्रदा- शक्ति प्रदान करने वाली माता
*८९. महोदरी- पूरे ब्रह्मांड को संभालने वाली माता
*९०. मुक्तकेशी- खुले बाल रखने वाली माता
*९१. घोररूपा- भयंकर रूप वालीं माता
*९२. महाबला- अपार शक्ति रखने वाली माता
*९३. अग्निज्वाला- अग्नि के समान जलने वाली माता
*९४. रौद्रमुखी- रौद्र रूप धारण करनेे वाली माता ९५. *९५.कालरात्रि- काले रंग वाली माता
*९६. तपस्विनी- तपस्या में लीन रहने वाली माता
*९७. नारायणी- प्रभु नारायण की अत्यंत विनाशकारी रूप
*९८. भद्रकाली- मां काली का भयंकर रूप
*९९. विष्णुमाया- भगवान विष्णु का मााा रूप
*१००. जलोदरी- जल में निवास करने वाली शक्ति
*१०१. शिवदूती- भोलेनाथ शिव की दूत
*१०२. करली- हिंसा से युक्त माता
*१०३. अनन्ता- जिसका विनाश न हो
*१०४. परमेश्वरी- प्रथम देवी
*१०५. कात्यायनी- महर्षि कात्यायन पूजनीय माता
*१०६. सावित्री- सूर्य की बेटी
*१०७. प्रत्यक्षा- वास्तविक
*१०८. ब्रह्मवादिनी- वर्तमान समय में हर जगह निवास करने वाली माता
*८९. महोदरी- पूरे ब्रह्मांड को संभालने वाली माता
*९०. मुक्तकेशी- खुले बाल रखने वाली माता
*९१. घोररूपा- भयंकर रूप वालीं माता
*९२. महाबला- अपार शक्ति रखने वाली माता
*९३. अग्निज्वाला- अग्नि के समान जलने वाली माता
*९४. रौद्रमुखी- रौद्र रूप धारण करनेे वाली माता ९५. *९५.कालरात्रि- काले रंग वाली माता
*९६. तपस्विनी- तपस्या में लीन रहने वाली माता
*९७. नारायणी- प्रभु नारायण की अत्यंत विनाशकारी रूप
*९८. भद्रकाली- मां काली का भयंकर रूप
*९९. विष्णुमाया- भगवान विष्णु का मााा रूप
*१००. जलोदरी- जल में निवास करने वाली शक्ति
*१०१. शिवदूती- भोलेनाथ शिव की दूत
*१०२. करली- हिंसा से युक्त माता
*१०३. अनन्ता- जिसका विनाश न हो
*१०४. परमेश्वरी- प्रथम देवी
*१०५. कात्यायनी- महर्षि कात्यायन पूजनीय माता
*१०६. सावित्री- सूर्य की बेटी
*१०७. प्रत्यक्षा- वास्तविक
*१०८. ब्रह्मवादिनी- वर्तमान समय में हर जगह निवास करने वाली माता
" डिस्क्लेमर"
यह ब्लॉग पोस्ट "मां दुर्गा के 108 नामों का करें जाप, नहीं होगा अकाल मृत्यु" विशुद्ध रूप से धार्मिक आस्था, पौराणिक मान्यताओं, और आध्यात्मिक प्रेरणा पर आधारित है। इसका उद्देश्य मां दुर्गा के 108 नामों की महिमा, उनके जाप की विधि, और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित उनसे जुड़े लाभों को पाठकों तक पहुंचाना है।
इस ब्लॉग में दी गई जानकारी विभिन्न धार्मिक शास्त्रों, पुराणों, लोक कथाओं और आध्यात्मिक गुरुओं के विचारों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा, कानूनी, या वैज्ञानिक सलाह का विकल्प नहीं है। मां दुर्गा के नाम जाप से जुड़ी 'अकाल मृत्यु से रक्षा' की मान्यता एक धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वास है। हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि जीवन और मृत्यु प्रकृति के अटल सत्य हैं और ये ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करते हैं।
स्वास्थ्य और चिकित्सा: यदि आप किसी भी स्वास्थ्य समस्या, बीमारी, या मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, तो तुरंत किसी योग्य चिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें। धार्मिक अभ्यास और पूजा-पाठ आपकी आध्यात्मिक शांति के लिए सहायक हो सकते हैं, लेकिन उन्हें चिकित्सा उपचार का स्थान नहीं लेना चाहिए।
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