गरूड़ पुराण के अनुसार चार तरह के महापाप

"गरुड़ पुराण में 04 तरह का महापाप बताया गया है। साथ ही इसका उपाय भी बतायी गई है। सबसे बड़ा पाप ब्रह्महत्या करना है"।

मनुष्य अपने जीवन में अनेक तरह के पाप करते हैं। बिड़ले मनुष्य ही मिलेंगे जो अपने जीवन में किसी प्रकार का पाप नहीं किया। हर व्यक्ति जीवन के किसी न किसी मोड़ पर पाप जरूर करता है। 

कोई पाप क्षम होता है, तो कोई पाप काफी गंभीर होता है, एक समाजिक पापी होता है जो किसी के हित में किया जाता है । वैसे पाप भी होते हैं जो किसी के हित में किया जाता है। गरुड़ पुराण में चार प्रकार के हैं महा पाप का वर्णन किया गया है साथ ही 


Garuda Purana and Mahapap
उसका निवारण भी बताया गया।

01. ब्राम्हण की हत्या करना गरुड़ पुराण में महापाप कहा गया है।

2. दूसरा महापाप मदिरापान करने वाला व्यक्ति होता है।

3. तीसरा महा पापी चोरी करने वाला कहलाता है।

4. चौथा महा पापी गुरु की पत्नी के साथ गमन करने वाला को कहा जाता है।


गरुड़ पुराण में इन पापों का निवारण का भी उपाय बताया गया है।

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जाने ब्रहम हत्या निवारण का उपाय

गरुड़ पुराण में ब्राम्हण की हत्या का निवारण बड़ा कठिन साधना के तहत अपना शरीर त्यागना ही अंतिम उपाय बताया गया है। वैसे मनुष्य को जिसके हाथों ब्राह्मण की हत्या हो गई है। उसे पाप निवारण करने के लिए स्वयं वन में जाकर पर्णकुटी बनाकर उसमें उपवास करते हुए 12 वर्षों तक रहना होगा। नहीं तो पर्वत के ऊंचे भाग से गिरकर अपने प्राणों का परित्याग करना होगा। 

पहाड़ के ऊपरी भाग से अपने शरीर को गिराना होगा, जहां से कहीं बीच में रुकने की संभावना नहीं हो ,और मरना निश्चित हो, उसी भाग से कूदना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त जलती हुई अग्नि में प्रवेश कर प्राण त्याग करना चाहिए या आगाध जल में प्रवेश कर जल समाधि लेकर अपने शरीर का त्याग करने से ब्रह्महत्या का निवारण मिलता है।

डिस्क्लेमर

यह देख पूरी तरह गरुड़ पुराण पर आधारित है। हमने गरुड़ पुराण में कह गए बातों को अपने ब्लॉग उद्धरित किए है। हमने अपने तरफ से किसी प्रकार की या किसी भी विषय की उल्लेख नहीं किए है । 


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